1 जनवरी से बदल जाएंगे बैंक लॉकर के नियम, जानें कैसे सेफ रहेंगे पैसे, जेवरात

new bank locker rules : बैंक अपने उपभोक्ताओं को महंगी चीजों और महत्वपूर्ण कागजात को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर सुविधा उपलब्ध कराते हैं. इसे सेफ डिपॉजिट भी कहते हैं. सारी सरकारी और प्राइवेट बैंक लॉकर की सुविधा मुहैया कराती है.

new bank locker rules : बैंक अपने उपभोक्ताओं को महंगी चीजों और महत्वपूर्ण कागजात को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर सुविधा उपलब्ध कराते हैं. इसे सेफ डिपॉजिट भी कहते हैं. सारी सरकारी और प्राइवेट बैंक लॉकर की सुविधा मुहैया कराती है.

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Deepak Pandey
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new bank locker rules( Photo Credit : File Photo)

new bank locker rules : अगर आप बैंकों के लॉकर में पैसे, गहने, जेवरात या फिर कोई दस्तावेज रखते हैं तो आपके लिए ये खबर जरूरी है. छह महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को 'एक्ट ऑफ गॉड' और 'बैंक लॉकर नियम' को क्लियर करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद बैंक लॉकरों को लेकर आरबीआई ने नए नियम जारी किए, जोकि पूरे देश में एक जनवरी 2022 से लागू हो जाएंगे. 

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आपको बता दें कि बैंक अपने उपभोक्ताओं को महंगी चीजों और महत्वपूर्ण कागजात को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर सुविधा उपलब्ध कराते हैं. इसे सेफ डिपॉजिट भी कहते हैं. सारी सरकारी और प्राइवेट बैंक लॉकर की सुविधा मुहैया कराती है. इसके बदले बैंक अपने ग्राहकों से वार्षिक चार्ज भी लेती हैं. लॉकर मैनेजमेंट को लेकर RBI ने सभी बैंकों के लिए संशोधित निर्देश जारी किए हैं. आरबीआई के नए निर्देश और मौजूदा सेफ जमा लॉकर तथा बैंकों के पास वस्तुओं की सेफ कस्टडी दोनों पर लागू होंगे. केंद्रीय बैंक ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि पूरे देश में 1 जनवरी 2022 से ये संशोधित निर्देश लागू होंगे, जो बैंकों के साथ नए और मौजूदा सुरक्षित जमा लॉकर और वस्तुओं की सेफ कस्टडी दोनों पर लागू होंगे.

उपभोक्ताओं को सूचित आप्शन चुनने की सुविधा के लिए बैंकों को लॉकरों के एलॉटमेंट में पारदर्शिता करने को खाली लॉकरों की ब्रांचवाइज लिस्ट के साथ-साथ कोर बैंकिंग सिस्टम में वेटलिस्ट भी बनानी चाहिए. केंद्रीय बैंक का कहना है कि लॉकर के एलॉटमेंट के लिए बैंकों को सभी आवेदनों को स्वीकार करना चाहिए. अगर लॉकर एलॉटमेंट के लिए उपलब्ध नहीं है तो उपभोक्ताओं को एक वेटिंग लिस्ट नंबर देना होगा.

बैंक कर्मचारियों की ओर से चोरी, आगजनी, भवन ढहने या धोखाधड़ी के मामलों में बैंकों की देनदारी उसके वार्षिक किराये के 100 गुना तक सीमित रहेगी, क्योंकि बैंक यह दावा नहीं कर सकती हैं कि लॉकर में रखे सामान के नुकसान को वे अपने ग्राहकों के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं. ऐसे केसों में लॉकर के सामान का नुकसान होने वाली घटनाएं या कर्मियों की ओर से की गई धोखाधड़ी, बैंकों की देयता सुरक्षित जमा लॉकर के मौजूदा वार्षिक किराए के 100 गुना के बराबर राशि के लिए होगी.

Source : News Nation Bureau

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