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Bank Fraud: कहीं आप तो नहीं हो गए विशिंग फ्रॅाड के शिकार, एक गलत क्लिक खाते को कर देगा निल

आधुनिक युग में बैंक फ्रॅाड के केस लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर सेल के आंकडों की बात करें तो प्रतिदिन सैंकड़ों शिकायतें बैंक फ्रॅाड की आ रही है. ग्राहकों को चूना लगाने के लिए ठगो ने नया तरीका इजाद किया है.

Updated on: 03 Jun 2023, 09:36 AM

highlights

  • ये छोटी सी गलती बना देगी कंगाल, ठगों ने खोजा ऑनलाइन धोखाधड़ी का रास्ता
  • रिजर्व बैंक की गाइडललाइन को भी चूना लगा रहे जालसाज

नई दिल्ली :

Bank fraud Online: एक फॅान क्रॅाल और वर्षों की मेहनत की कमाई गायब, ऐसी शिकायतें साइबर सेल में काफी  पहुंच रही हैं. यदि आपके पास भी इस तरह की कोई कॅाल आती है तो सावधान हो जाएं. क्योंकि डिजिटली ठगों के इस तरीके से आपका पैसा बचना मुश्किल हो जाता है. आपको बता दें कि ये ठग रिजर्व बैंक द्वारा बनाए गए नियमों को भी चूना लगा रहे हैं. सिर्फ एक गलत क्लिक आपकी मेहनत की कमाई सेकंडों में गायब कर कर देगी.. इसलिए जरूरी टिप्स अपनाकर ही आप अकाउंट सुरक्षित रख सकते हैं. 

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फोन कॅाल से फ्रॅाड 
दरअसल, फोन कॅाल से बैंक फ्रॅाड करने के तरीके को साइबर सेल की भाषा में विशिंग कहा जाता है. विशिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें जालसाज आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कस्टमर आईडी, नेट बैंकिंग पासवर्ड, एटीएम पिन, ओटीपी, कार्ड की एक्सपायरी डेट, सीवीवी, आदि फोन कॅाल के माध्यम से जुटाते हैं. ये धोखेबाज आपको बैंक के मैनेजर, किसी कंपनी के कर्मचारी आदि बनकर कॅाल करते हैं. साथ ही आपको डराते हैं कि आपका खाता अगले एक दिन में बंद हो जाएगा. या कुछ अन्य जानकारी ग्राहक को देते हैं. ताकि ग्राहक अपनी सारी जानकारी इन ठगों के साथ शेयर कर दे. बस अगले ही पल खाते से पैसे कटने का मैसेज मिलता है. 

आरबीआई के नियमों को भी चुनौती 
जानकारी के मुताबिक साइबर सेल फोन कॅाल से ठगी की हजारों शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं. क्योंकि ये जालसाज आपको ही नहीं बल्कि रिजर्व बैंक की गाइडलाइन को भी जमकर चुनौती दे रहे हैं. क्योंकि आरबीआई की सख्त हिदायत होती है कि किसी पर्सनल जानकारी कोई भी बैंक नहीं मांगेगा. लेकिन ये जालसाज बैंक अधिकारी बनकर ही आपके खाते पर डाका डाल रहे हैं. इनसे बचाव का सिर्फ एक ही तरीका है. आपको सजग रहना है. अन्यथा आपकी शिकायत भी साइबर सेल में पड़ी धूल फांकती रहेगी. पैसा रिकवरी होना तो दूर की कोड़ी होता है. 

ये है बचाव का तरीका 
यदि आपके मोबाइल पर कोई इस तरह का फोन आ रहा है तो उसे इग्नोर करें. यदि आपक गलती से फोन उठा भी लेते हैं तो कस्टमर आईडी, एटीएम पिन, ओटीपी, आदि फोन, एसएमएस या ईमेल के जरिए किसी के साथ शेयर न करें. अगर आपकी कॉलर आईडी एक वैध कंपनी का फोन नंबर प्रदर्शित करती है, तब भी यह गारंटी नहीं है कि कॉल वास्तविक है. इसलिए किसी भी कीमत पर फोन या अन्य किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॅार्म पर अपनी निजी जानकारी शेयर नहीं करनी है..