कहीं आप भी तो नहीं खा रहे चमकीले सेब, मंत्री जी तो बच गए, आप कैसे बचेंगे

फलों और सब्जियों पर कृत्रिम रंग और केमिकल के जरिए चमकीला बनाकर बाजार में ऊंचे दाम पर बेचा जाता है.

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Drigraj Madheshia
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कहीं आप भी तो नहीं खा रहे चमकीले सेब, मंत्री जी तो बच गए, आप कैसे बचेंगे

प्रतीकात्‍मक चित्र

फलों और सब्जियों पर कृत्रिम रंग और केमिकल के जरिए चमकीला बनाकर बाजार में ऊंचे दाम पर बेचा जाता है. फल विक्रेता अक्सर हानिकारक केमिकल और वैक्स (Wax) का प्रयोग फलों की बाहरी चमक बढ़ाने के लिए करते हैं, जिसके झांसे में लोग आ जाते हैं. इस बार फंस गए केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan). रशियन सलाद की चाह में पासवान के घर आ गया 420 रुपए किलो का वैक्स (Wax) वाला सेब.

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पता तब चला जब राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने एक-एक करके सभी फलों को ठीक से धोने को कहा और  जब सेब को धोने की कोशिश की गई तो वह ठीक से धुल नहीं पा रहा था. पानी से धोने पर सेब हाथ से फिसल रहा था. इसके बाद स्टाफ ने सेब को चाकू से खुरचा तो उस पर वैक्स (Wax) (wax) लगा हुआ मिला. दुकानदार ने फल में बाहरी चमक लाने के लिए उस पर वैक्स (Wax) लगा रखा था. अब आइए जानें सेब पर चढ़ाया गया मोम कितान ख़तरनाक होता है.

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  • सेब पर चढ़ाया गया मोम ख़तरनाक होता है. लेकिन हर मोम नहीं. कुछ मोम की किस्में ऐसी होती हैं जिनकी परत चढ़ाने की इजाज़त दुनिया भर की संस्थाएं देती हैं
  • फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के मुताबिक वेजीटेबल वैक्स (Wax) का फल सब्जियों पर प्रयोग हो सकता है.
  • कार्नाबुआ वैक्स (Wax) – क्वीन ऑफ़ वैक्स (Wax) कहा जाता है. इसे ब्राज़ील वैक्स (Wax) या पाम वैक्स (Wax) भी कहा जाता है. ब्राज़ील के ट्रॉपिकल खजूर के पत्तों से निकाला जाता है. अगर इसकी मात्रा बढ़ा दें तो इसे शू पॉलिश में भी इस्तेमाल किया जाता है. वैसे इसे ज़्यादातर दवा की गोलियों पर इस्तेमाल किया जाता है. ताकि मरीज़ आराम से कैप्सूल या गोलियां निगल सके. सब्ज़ियों पर इस्तेमाल होने वाला कॉमर्शियल वैक्स (Wax) भी कार्नाबुआ ही होता है.
  • इस वैक्स (Wax) को कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी ख़ूब इस्तेमाल किया जाता है. मस्कारा, आई लाइनर, लिप ग्लॉस और लिपस्टिक में चमक लाने के लिए कार्नाबुआ वैक्स (Wax) इसमें मिलाया जाता है. असल में कार्नाबुआ सबसे देर में पिघलने वाला मोम होता है. इसलिए इसे मेकअप के सामान में ‘कंसिस्टेंसी इन्हान्सर’ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
  • कार्नाबुआ के अलावा दो और तरह के वैक्स (Wax) नैचुरल माने जाते हैं. बीज़ वैक्स (Wax) और शैलेक वैक्स (Wax). शहद बनने की प्रक्रिया में ये मोम बनते हैं. और इनकी वैक्स (Wax)ग करने की भी परमिशन फ़ूड अथॉरिटीज़ देती हैं.
  • European Food Safety Authority (ESFA) ने भी फल और सब्ज़ियों पर वैक्स (Wax) कोटिंग के लिए कुछ निर्देश दिए हैं. ESFA ने अपनी रिसर्च में पाया कि कार्नाउबा वैक्स (Wax) कोटिंग को खाने से इंसान का पाचनतंत्र तभी ख़राब होगा जब वैक्स (Wax) ‘तय मात्रा’ से ज़्यादा होगा. बाक़ी किसी तरह का वैक्स (Wax) खाने लायक़ नहीं होता.
  • Material Safety Data Sheet (MSDS) अंतरराष्ट्रीय संस्था है. और इसने वैक्स (Wax) कोटिंग को ‘बेहद ख़तरनाक’ बताया है. यानी वैक्स (Wax) किसी भी हालत में खाया नहीं जाना चाहिए.
  • भारत समेत दुनिया भर की फ़ूड अथॉरिटीज़ कहती हैं कि खाने के सामान पर अगर वैक्स (Wax) कोटिंग करते हैं तो आपको काग़ज़ की चिप्पी लगाकर ग्राहक को बताना होगा कि इस सामान पर वैक्स (Wax) माने मोम की परत लगी हुई है. साथ ही आपको ये भी बताना होगा कि वैक्स (Wax) क्यों लगाया गया है.
  • ज़्यादातार मामलों में ऐसा होता नहीं है. दुकानदार केमिकल वैक्स (Wax).इस्तेमाल करते हैं . इसलिए सब्ज़ी और फल को गुनगुने पानी से धोकर ही इस्तेमाल कीजिए. क्योंकि केमिकल वैक्स (Wax) आपके और आपके परिवार की सेहत पर गलत असर डाल सकता है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

Ramvilas Paswan Apple with Wax
      
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