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क्या दिवाली पर आपके शहर में पटाखे फोड़ने की है इजाजत ? यहां देखें पूरी लिस्ट

दिवाली से पहले कई राज्यों ने प्रदूषण मुक्त त्योहार के लिए पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, कई राज्यों ने ग्रीन पटाखों (कम प्रदूषण वाले पटाखे) की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दी है, जिन्हें पर्यावरण के अनुकूल पटाखे भी कहा जाता है.

Updated on: 02 Nov 2021, 12:59 PM

highlights

  • कई राज्यों ने दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर लगाया है प्रतिबंध
  • अधिकांश राज्यों ने ग्रीन पटाखे फोड़ने की दी है अनुमति
  • कम प्रदूषण वाले पटाखे होते हैं ग्रीन पटाखे 

नई दिल्ली:

दिवाली से पहले कई राज्यों ने प्रदूषण मुक्त त्योहार के लिए पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, कई राज्यों ने ग्रीन पटाखों (कम प्रदूषण वाले पटाखे) की बिक्री और इसे फोड़ने की अनुमति दी है, जिन्हें पर्यावरण के अनुकूल पटाखे भी कहा जाता है. पूरे भारत में चार नवंबर को दिवाली का उत्सव मनाया जाएगा. यहां उन राज्यों की सूची दी गई है, जहां इस दिवाली पर पटाखे फोड़ने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा.

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दिल्ली

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 1 जनवरी, 2022 तक राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों की बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के क्षेत्र में 01.01.2022 तक सभी प्रकार के पटाखों को फोड़ने और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

हरियाणा

हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अपने 14 जिलों में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिन जिलों में पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत शामिल हैं. आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि उन क्षेत्रों में जहां आसपास वायु गुणवत्ता 'मध्यम' या बेहतर है, केवल ग्रीन पटाखों को  फोड़ने की अनुमति दी जाएगी. यहां तक ​​कि शादियों और अन्य अवसरों पर भी केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति है. आदेश के अनुसार, पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों के माध्यम से ही होगी. इस बीच, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उन शहरों की सूची भी जारी करेगा जहां पटाखों को फोड़ने की अनुमति होगी.

कर्नाटक

कर्नाटक सरकार ने दिवाली के दौरान केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दी है और लोगों को कोविड-19 मानदंडों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है. मुख्य सचिव पी रवि कुमार द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश में कहा गया है, "सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने निर्देशों में ग्रीन पटाखों के अलावा कोई अन्य पटाखे नहीं बेचे जा सकते हैं और न ही फोड़ सकते हैं. " जिन विक्रेताओं ने संबंधित विभागों और अधिकारियों से आवश्यक परमिट लिया है, वे केवल ग्रीन पटाखे ही बेच सकते हैं. ग्रीन क्रैकर्स बेचने वाले स्टॉल 1 नवंबर से 10 नवंबर के बीच ही लगाए जा सकेंगे.

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) ने पहले कहा था कि दिवाली और काली पूजा की शाम को दो घंटे के लिए रात 8 बजे से रात 10 बजे तक हरे पटाखों की अनुमति होगी. बोर्ड की अधिसूचना में आगे कहा गया है कि छठ पूजा पर दो घंटे के लिए सुबह 6 बजे से 8 बजे तक और क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर 35 मिनट के लिए ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. हालांकि, शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने वायु प्रदूषण की जांच के लिए इस साल काली पूजा, दिवाली समारोह और अन्य उत्सवों के दौरान सभी पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.

महाराष्ट्र

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने हालांकि पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन उसने राज्य के नागरिकों से कहा है कि वे इससे दूर रहें और इसके बजाय कोविड-19 महामारी को देखते हुए दिवाली समारोह के दौरान दीपक जलाएं.

राजस्थान

कांग्रेस की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने राज्य में केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी है. इसके अलावा, दिवाली और गुरुपुरब के दौरान रात 8 बजे से 10 बजे के बीच, छठ पूजा पर सुबह 6 से 8 बजे के बीच और क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर 11.55 बजे से 12.30 बजे तक पटाखे फोड़ सकते हैं.  

उत्तर प्रदेश

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने कई राज्यों की तरह दिवाली के दौरान ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी है, लेकिन उन क्षेत्रों में दो घंटे से अधिक पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं होगी, जहां हवा की गुणवत्ता 'मध्यम' या बेहतर श्रेणी में आती है. 

ओडिशा
राज्य के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा और कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार ने पिछले महीने चल रहे त्योहारों के मौसम में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था. 

असम

असम सरकार ने भी दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है और केवल दो घंटे के लिए रात 8 बजे से रात 10 बजे के बीच हरे पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है.

बिहार

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राज्य के पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली और गया में पटाखे छोड़ने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कुछ दिनों पहले ही कहा है कि इस आदेश का सभी को सख्ती से पालन करना होगा. बाकी अन्य जिलों में ईको फ्रेंडली पटाखे दिवाली व गुरुपर्व के दिन रात 8 से रात 10 बजे तक और छठ पर्व में सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक फोड़ सकते हैं.

पंजाब

पंजाब सरकार ने राज्य भर में दिवाली और गुरुपुर्व पर ग्रीन पटाखे फोड़ने के लिए दो घंटे की की छूट दी है. राज्य सरकार ने पंजाब में संयुक्त पटाखों के निर्माण, स्टॉक, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. पंजाब में रात 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर आतिशबाजी का समय 35 मिनट तक सीमित कर दिया गया है. क्रिसमस पर 11:55 बजे से 12:30 बजे तक और नए साल पर 11:55 बजे से 12:30 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. 

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में दिवाली और गुरुपर्व के दौरान रात 8 बजे से रात 10 बजे तक पटाखे चलाए जा सकते हैं. छठ पूजा पर सुबह 6 से 8 बजे तक और नए साल और क्रिसमस पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखे फोड़े जा सकते हैं. उच्च डेसिबल ध्वनि उत्पन्न करने वाले पटाखों की बिक्री की अनुमति नहीं होगी. अगर पटाखों में लिथियम, आर्सेनिक, एंटीमनी, लेड और मरकरी जैसे जहरीले तत्व पाए जाते हैं तो पटाखा बनाने वाले का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है. 
  
क्या है ग्रीन पटाखे
ग्रीन पटाखे (Green Crackers) राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) की खोज हैं. ये पटाखे आवाज से लेकर दिखने तक में पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं, लेकिन इनको जलाने पर प्रदूषण काफी कम होता है और ये सामान्य पटाखों की तुलना में 40 से 50 फीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं.