logo-image

बैंक अकाउंट से बगैर OTP के भी पैसे पार कर रहे हैं हैकर्स, यहां जानें इनसे बचने के तरीके

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक साइबर अपराधी किसी भी व्यक्ति को फोन करके उसकी मदद की पेशकश करते हैं और किसी भी बहाने से वे आपके मोबाइल या लैपटॉप में एक ऐप को डाउनलोड करा लेते हैं.

Updated on: 21 Oct 2020, 02:17 PM

नई दिल्ली:

आज के समय में काफी लोग फोन और इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) का इस्तेमाल करते हैं. एक ओर जहां ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (Online Transaction) में बढ़ोतरी देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर साइबर क्राइम के मामले भी लगातार बढ़ने लग गए हैं. सरकारी और प्राइवेट बैंक समय-समय पर अपने ग्राहकों के लिए अनचाहे कॉल्स और अनजान व्यक्ति से डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर या ओटीपी को साझा नहीं करने की सलाह जारी करता रहता है. बता दें कि हाल की कुछ घटनाओं में साइबर अपराधियों के द्वारा बगैर OTP के भी बैंक अकाउंट से पैसे उड़ाने की घटनाएं सामने आई हैं.

यह भी पढ़ें: 5G इंटरनेट के लिए हो जाइए तैयार, Reliance Jio ने किया सफल परीक्षण

सीधे साधे लोगों को अपने जाल में कैसे फंसाते हैं साइबर अपराधी
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक साइबर अपराधी किसी भी व्यक्ति को फोन करके उसकी मदद की पेशकश करते हैं और किसी भी बहाने से वे आपके मोबाइल या लैपटॉप में एक ऐप को डाउनलोड करा लेते हैं. उस फर्जी ऐप के जरिए आपके बैंक अकाउंट से जुड़ी सभी जानकारियां हासिल करके सारा पैसा उड़ा लिया जाता है. साइबर अपराधियों को उस ऐप का इस्तेमाल करने पर OTP की जरूरत नहीं होती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसी ही एक घटना हाल ही में दिल्ली में हुई थी. इस घटना में रमेश (काल्पनिक नाम) के पास पेटीएम का केवाईसी वेरिफिकेशन कराने लिए फोन आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि आपके पेटीएम का केवाईसी नहीं हुआ है और आपका पेटीएम अकाउंट 24 घंटे के भीतर बंद हो जाएगा. 

यह भी पढ़ें: रेलवे ने मुंबई की लोकल ट्रेनों में महिलाओं को यात्रा करने की दी अनुमति

रमेश को लगा कि फोन करने वाला व्यक्ति पेटीएम का कर्मचारी है और उसने उस व्यक्ति से ही घर पर आकर केवाईसी वेरिफिकेशन करने के लिए कहा, लेकिन फोन करने वाले व्यक्ति ने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए घर पर वेरिफिकेशन करने से इनकार कर दिया. उसने कहा कि फिजिकल वेरिफिकेशन के बजाय ऑनलाइन वेरिफिकेशन कराया जा सकता है. फोन करने वाले व्यक्ति ने क्विक सपोर्ट नाम का एक ऐप रमेश को मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए कहा. बाद में फोन करने वाले शख्स ने आईडी पूछकर शातिर तरीके से फोन को हैक कर लिया. उसके बाद दूसरे बैंक अकाउंट से पेटीएम पर एक रुपया भेजने की बात कही. जैसे ही रमेश ने पैसा ट्रांसफर किया उस व्यक्ति ने रमेश का मोबाइल हैक करके बगैर ओटीपी के जरिए बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लिए. 

यह भी पढ़ें: EPFO ने अपने नियमों में किए ये बड़े बदलाव, PF खाताधारकों को होगा बड़ा फायदा

ऐसे बचा जा सकता है साइबर अपराध से
जानकारों का कहना है कि टीम व्यूवर या क्विक जैसे ऐप की जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति से साझा नहीं करना चाहिए. ऐप को डाउनलोड करते समय चेतावनी दिया जाता है कि आईडी की जानकारी सिर्फ भरोसे वाले व्यक्ति को ही दें. यहीं नहीं ऐप की आईडी साझा करने से आपकी व्यक्तिगत जानकारी भी चोरी हो सकती है. आखिर में सबसे बड़ी बात अगर कोई भी अनजान व्यक्ति आपको पैसा ट्रांसफर करने के लिए कहता है तो सतर्क हो जाएं और ऐसा बिल्कुल भी नहीं करें.