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10 वर्ष पूर्व बनवाए गए आधार डॉक्यूमेंट को करवाया जा सकेगा अपडेट

केंद्र सरकार देश के नागरिकों को अपना आधार कार्ड अपडेट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर दे रही है. आधार कार्ड अपडेट कराने के दौरान बीते एक दशक के दौरान आए बदलावों को आधार में अपडेट किया जा सकेगा. 31 मार्च, 21 तक की स्थिति के अनुसार, भारत के कुल 128.99 करोड़ निवासियों को आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं. केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने अपना आधार 10 वर्ष पूर्व बनवाया था एवं तदोपरांत इन सालों में कभी अपडेट भी नहीं करवाया है, ऐसे आधार नंबर धारकों को डॉक्यूमेंट अपडेट करवाने का आग्रह किया जाता है.

Updated on: 11 Oct 2022, 06:16 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार देश के नागरिकों को अपना आधार कार्ड अपडेट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर दे रही है. आधार कार्ड अपडेट कराने के दौरान बीते एक दशक के दौरान आए बदलावों को आधार में अपडेट किया जा सकेगा. 31 मार्च, 21 तक की स्थिति के अनुसार, भारत के कुल 128.99 करोड़ निवासियों को आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं. केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय के मुताबिक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने अपना आधार 10 वर्ष पूर्व बनवाया था एवं तदोपरांत इन सालों में कभी अपडेट भी नहीं करवाया है, ऐसे आधार नंबर धारकों को डॉक्यूमेंट अपडेट करवाने का आग्रह किया जाता है.

विगत दस (10) वर्षों के दौरान, आधार नंबर व्यक्ति की पहचान के प्रमाण के रूप में उभरा है. आधार नंबर का उपयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है. मंत्रालय का मानना है कि इन योजनाओं एवं सेवाओं का लाभ उठाने के लिए, सर्वसाधारण को व्यक्तिगत नवीनतम विवरण से आधार डाटा को अपडेट रखना है ताकि आधार प्रमाणीकरण या सत्यापन में असुविधा न हो.

तदनुसार, इस सम्बन्ध में आधार नंबर धारकों को यूआईडीएआई ने डॉक्यूमेंट अपडेट की सुविधा निर्धारित शुल्क के साथ प्रदान की है. इसके द्वारा आधार नंबर धारक व्यक्तिगत पहचान के प्रमाण और पते के प्रमाण दस्तावेजों को आधार डाटा में अपडेट कर सकता है. इस सुविधा को माई आधार पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकता है या निवासी इसका लाभ उठाने के लिए किसी भी नजदीकी नामांकन केंद्र पर भी जा सकते हैं.

गौरतलब है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआइई) एक सांविधिक प्राधिकरण है, जिसकी स्थापना आधार इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारत सरकार द्वारा की गई है.

यूआईडीएआई की स्थापना भारत के सभी निवासियों को आधार नामक विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) जारी करने के उद्देश्य से की गई थी, ताकि यूआईडी द्वारा दोहरी एवं फर्जी पहचान को समाप्त किया जा सके और उसे सरलता से एवं किफायती लागत में सत्यापित और प्रमाणित किया जा सके.

सांविधिक प्राधिकरण के रूप में स्थापित होने से पूर्व, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण दिनांक 28 जनवरी, 2009 की राजपत्र अधिसूचना के अनुसार योजना आयोग (वर्तमान में नीति आयोग) के संबद्ध कार्यालय के रूप में कार्य कर रहा था. दिनांक 29 सितंबर, 2010 को पहला यूआईडी नंबर नंदुरबार, महाराष्ट्र के निवासी को जारी किया गया था. दिनांक 12 सितंबर, 2015 को सरकार ने कार्य आबंटन नियमों में संशोधन के जरिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीईआईटीवाई) के साथ संबद्ध कर दिया.