अब जमीन का भी बनेगा आधार कार्ड, जानें क्या-क्या मिलेंगे फायदे
सरकार अब जमीन का भी हिसाब-कितान डिजिटल (digital)करने जा रही है. जी हां इसका ऐलान बजट (Budget 2022) के दौरान वित्त मंत्री ने कर दिया है. अब जमीन का भी आधार नंबर (aadhar number)जारी किया जाएगा. जिसके बाद पूरी जमीन का ब्यौरा सिर्फ एक क्लिक पर खुलकर कंप्
highlights
- वित्त मंत्री निर्मली सीतारमण ने लैंड का डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड रखने की बनाई योजना
- एक क्लिक पर ही किस नाम पर कितनी जमीन है इसका लग जाएगा पता
- खसरा खतौनी लेने की नहीं होगी किसानों को जरूरत
नई दिल्ली :
सरकार अब जमीन का भी हिसाब-कितान डिजिटल (digital)करने जा रही है. जी हां इसका ऐलान बजट (Budget 2022) के दौरान वित्त मंत्री ने कर दिया है. अब जमीन का भी आधार नंबर (aadhar number)जारी किया जाएगा. जिसके बाद पूरी जमीन का ब्यौरा सिर्फ एक क्लिक पर खुलकर कंप्युटर स्क्रीन पर आ जाएगा. आपको बता दें कि केंद्र सरकार (Central government) वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम (One Nation One Registration program) के तहत ये काम करेगी. जिससे किसानों को तमाम लाभ लेने के लिए खसरा-खतौनी लेकर आने से मुक्ति मिल जाएगी. बस उसे अपनी जमीन का आधार नंबर साथ रखने की जरूरत होगी. इसके बाद तमाम सरकारी काम उसी आधार नंबर से हो जाया करेंगे.
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जानकारी के अनुसार, लैंड का डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड रखने के लिए IP बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. जमीनों के कागज की मदद से उनके रिकॉर्ड को डिजिटली रिकॉर्ड रखा जाएगा. केंद्र सरकार का लक्ष्य 2023 तक देशभर से लैंड रिकॉर्ड को डिजिटल करने का है. मार्च 2023 तक पूरे देश में जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल करने का लक्ष्य रखा गया है. डिजिटल लैंड रिकार्ड करने से कई तरह से फायदे मिलेंगे. इसे 3C फार्मूले के तहत बांटा जाएगा, जो सभी फायदा देगा. इनमें सेंट्रल ऑफ रिकॉर्ड, कलेक्शन ऑफ रिकॉर्ड, कन्वीनियंस ऑफ रिकॉर्ड से आम जनता को काफी फायदा होगा. साथ ही आपकी जमीन की 14 डिजिट का एक ULPIN नंबर यानी यूनिक नंबर जारी होगा. आसान भाषा में कहें तो जमीन का आधार नंबर (Aadhaar Number) भी कह सकते हैं. भविष्य में घर बैठे बस एक क्लिक में आप अपनी जमीन के सभी डॉक्युमेंट्स देख पाएंगे.
वहीं, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan yojna) जैसी कई योजनाओं में भी इस ULPIN का प्रयोग हो सकेगा. इसके अलावा ULPIN नंबर के जरिए देश में कहीं भी जमीन खरीदने और बेचने में दिक्कत नहीं होगी. खरीदने और बेचने वाले की पूरी डिटेल सामने होंगे. अगर उस जमीन का आगे चलकर बंटवारा भी होता है तो उस जमीन का आधार नंबर अलग-अलग हो जाएगा. जिससे फर्जीवाड़े पर पूरी तरह लगाम लगाने की तैयारी है. अभी कई बार कोई भी किसी की जमीन का फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा लेता था, इसके बाद वह नहीं हो सकेगा.
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