New Wage Code Update: नए साल पर करोड़ों निजी कर्मचारियों की हुई चांदी, हफ्ते में चार दिन काम सहित कई नियमों में होगा बदलाव!

New Wage Code Update: अगर आप भी प्राइवेट जॅाब (private job) में है और रोजाना ऑफिस की चिक-चिक से परेशान हैं तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि सूत्रों का दावा है कि सरकार इसी बजट में न्यू वेज कोड़ लागू कर सकती है.

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Sunder Singh
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New-Vage-Code3 Photograph: (GOOGALE)

New Wage Code Update:  अगर आप भी प्राइवेट जॅाब (private job) में है और रोजाना ऑफिस की चिक-चिक से परेशान हैं तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि सूत्रों का दावा है कि सरकार इसी बजट में न्यू वेज कोड़ लागू कर सकती है. जिसमें वीक में चार दिन काम, वर्किंग घंटे, ओवर टाइम व ब्रेक टाइम सहित कई प्रकार के नियमों में बदलाव होना तय माना जा रहा है. हालांकि अभी तक सरकारी तौर पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है .यदि ऐसा होता है तो लोगों का मोह प्राइवेट जॅाब से भंग होना बंद हो जाएगा. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब लोग एक बार फिर सरकारी नौकरी को ही प्राथमिकता देने लगे हैं. लोगों का मानना है कि निजी जॅाब व्यक्ति का सुख-चैन सब छीन लेती है.

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ये हो सकते हैं फायदे

न्यूज वेज कोड लागू होने के बाद सरकारी हो या प्राइवेट सभी कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. कर्मचारियों की (Take Home Salary) में कमी आ सकती है. इसके अलावा काम के घंटे, ओवरटाइम, ब्रेक टाइम जैसी चीजों को लेकर भी नए लेबर कोड में प्रावधान किए गए हैं.  जिससे खासकर प्राइवेट जॅाब करने वाले लोगों को बहुत फायदा होने वाला है. आपको बता दें कि सरकार ने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए वेज कोड तैयार किए हैं. संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. ये नियम सितंबर 2020 को पास हो गए थे. लेकिन इन्हें अमल में लाना अभी बाकी है.

मिलेगा ओवर टाइम 

सरकारी सूत्रों के मुताबिक ये सभी कोड एक साथ ही लागू किए जाएंगे. वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है. अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े. यही नहीं नए ड्राफ्ट कानून के के मुताबिक 30 मिनट के अतिरिक्त कामकाज को भी ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है. साथ ही किसी भी कर्मचारी से पांच घंटे से ज्यादा लगातार काम कराना अपराध की श्रेणी में आएगा.

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