लो जी आ गई बड़ी खबर! देश में आज से लागू हुआ नया Toll System, अब इनको भरना पड़ेगा Tax

New toll system: जीपीएस यानी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम में आपको उतना ही टूल देना होगा, जितना आपकी गाड़ी नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे पर दौड़ेगी.

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Mohit Sharma
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Toll Tax

अगर आप गाड़ी चलाते हैं और टोल टैक्स देते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है. अब टोल टैक्स पुराने तरीके से नहीं काटा जाएगा, बल्कि यह जीपीएस से काटा जाएगा. हालांकि यह बात केंद्र सरकार ने कई दिन पहले ही साफ कर दी थी कि जीपीएस बेस्ट टोल टैक्स जल्द शुरू होगा. अब राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय ने देश में जीपीएस सिस्टम से टोल टैक्स की वसूली शुरू कर दी है. अब नए सिस्टम से टैक्स कैसे कटेगा और फास्ट ट्रक का क्या होगा यह आपको बताएंगे,  लेकिन पहले यह जान लीजिए कि फिलहाल यह सिस्टम हाइब्रिड मोड पर केवल हरियाणा के पानीपत हिसार नेशनल हाईवे 709 पर चालू किया गया है. इसकी सफलता के बाद धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में भी इसे लागू किया जाएगा.

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह सिस्टम लागू किया

 जीपीएस टूल टैक्स में अगर आपकी गाड़ी नेशनल हाईवे पर पहुंचती है तो आप बिना पैसे के केवल 20 किमी तक का ही सफर कर सकते हैं. इसके बाद गाड़ी पर टोल लगना शुरू हो जाएगा. अब बात करते हैं कि यह जीपीएस सिस्टम काम कैसे करेगा. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह सिस्टम लागू किया है. इसे ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम यानी जीएनएसएस का नाम दिया गया है. यह सिस्टम नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स वसूलेगा.  इस टूल सिस्टम में आपकी जीएनएसएस से लैस गाड़ी केवल 20 किमी तक फ्री चल सकेगी. जैसे ही आपकी गाड़ी 20 किमी का सफर पूरा करेगी, वैसे ही टोल टैक्स लगना शुरू हो जाएगा. यह जीपीएस से आपकी गाड़ी को ट्रैक करेगा. जीपीएस यानी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम में आपको उतना ही टूल देना होगा, जितना आपकी गाड़ी नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे पर दौड़ेगी.

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यह सिस्टम पूरी तरह सैटेलाइट सिग्नल पर निर्भर होगा

इसके अलावा इस सिस्टम की बदौलत आपकी गाड़ी की रियल टाइम लोकेशन भी पता चलेगी. वहीं टोल टैक्स बूथ पर लगने वाले जाम से भी आपको राहत मिलेगी. यह सिस्टम पूरी तरह सैटेलाइट सिग्नल पर निर्भर होगा. ऐसे में खराब मौसम में दिक्कत आ सकती है. इसके साथ ही जीएनएसएस गाड़ी में मूवमेंट को ट्रैक करेगा, जिससे प्राइवेसी की चिंता रहेगी. टैक्स वसूलने के लिए टोल प्लाजा पर जीएनएसएस से लेस व्हीकल्स के लिए अलग से लेन बनेगी. फास्ट ट्रक की तरह जैसे ही व्हीकल ऑन बोर्ड यूनिट से पास होगा. यह यूनिट प्रोसेस चार्जेस को सिग्नल भेजेगी, जो कि फिटनेट कंपनी हैंडल करेगी. यदि इन लेन में कोई नॉन जीएनएसएस व्हीकल दाखिल होता है तो उससे दोगना टैक्स वसूला जाएगा. 

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यह सवाल है कि फास्टटैग का अब क्या होगा?

कई लोगों के मन में यह सवाल है कि फास्टटैग का अब क्या होगा. जीएनएसएस टोल टैक्स सिस्टम फिलहाल ट्रायल बेस्ड पर शुरू किया गया है. ऐसे में अभी फास्टटैग के जरिए ही टोल टैक्स की वसूली की जाएगी. फास्टटैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या आरएफआईडी तकनीक पर काम करता है. इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे टिकर के बार कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फ्री अपने आप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है. फिलहाल जीपीएस और फास्टैग दोनों काम करते रहेंगे. लेकिन आपको यह भी बता दें कि जेपीएस से टोल टैक्स काटने का सिस्टम पूरे देश में लागू करने की योजना है.

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