आपने अक्सर रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, बस अड्डों , सिनेमा थियेटर या फिर सार्वजनिक स्थानों पर भिखारियों को भीख मांगते देखा होगा. भिखारियों को देखकर लोगों का दिल पसीज जाता है और वो उनको कुछ पैसा दे देते हैं. अगर आप भी भिखारियों को पैसा देते हैं तो आपकी यह आदत आपको मुश्किल में डाल सकती है. क्योंकि भिखारियों को पैसा देने पर पुलिस अब आपको खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. क्योंकि मध्य प्रदेश के इंदौर प्रशासन का मानना है कि सड़कों पर भीख मांगने से शहर की इमेज धुमिल होती है. इसलिए इंदौर प्रशासन ने भिखारियों और भीख देने वालों पर सख्ती रोक लगाने संबंधी नियम लागू किया है.
नया नियम 1 जनवरी 2025 से लागू माना जाएगा
इंदौर प्रशासन का यह नियम 1 जनवरी 2025 से लागू माना जाएगा. नए नियम के तहत शहर में अगर कोई भिखारियों को भीख देता पाया जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. इसके लिए इंदौर पुलिस ने शहर में जन-जागरुक अभियान भी शुरू किया है. इंदौर प्रशांत ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार के पायलट प्लान को लागू करने के लिए शहर को साफ-सुथरा बनाने की पहल की गई है. प्रशासन ने बताया कि नया नियम नए साल यानी 2025 के पहले दिन से लागू कर दिया जाएगा, जिसके तहत भिखारियों को भीख देने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त एक्शन लेगी और उनको खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी. जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि दिसंबर 2024 के अंत तक शहर में हमारा भीख मांगने के खिलाफ अभियान चलेगा. एक जनवरी से अगर कोई शख्स भिखारियों को पैसा देता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
जानें क्या है वजह
पायलट प्लान के नोडल अधिकारी दिनेश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि रिपोर्ट में पाया गया है कि कुछ भिखारियों के पास खुद के पक्के मकान हैं. यहां तक कि कुछ के बच्चे तो अच्छी नौकरियों पर भी हैं. तलाशी के दौरान एक बार एक भिखारी के पास से 29 हजार रुपए मिले थे. जबकि एक भिखारी ब्याज पर पैसा बांट कर मोटी कमाई करता पाया गया था. ऐसे में प्रशासन ने इन फर्जी भिखारियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है.