भारत में पलायन संकट! ये राज्य दे रहा सबसे ज्यादा रोजगार

भारत में नौकरी के लिए पलायन एक सामान्य प्रक्रिया है, खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश से.. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 30 करोड़ लोग अन्य राज्यों में काम करने के लिए पलायन कर चुके हैं, जिनमें से 10 करोड़ उत्तर प्रदेश और 3 करोड़ बिहार से हैं. पलायन की मुख्य वजह इन राज्यों में सीमित रोजगार और कम वेतन है.

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Sourabh Dubey
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भारत में नौकरी के लिए पलायन एक सामान्य प्रक्रिया है, जहां लोग बेहतर रोजगार के अवसरों की तलाश में दूसरे राज्यों और यहां तक कि विदेशों में भी जाते हैं. हाल के आंकड़े बताते हैं कि बिहार और उत्तर प्रदेश से पलायन करने वाले लोगों की संख्या कुल पलायन का लगभग 50% है.

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पूरे भारत में करीब 30 करोड़ लोग नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन कर चुके हैं. ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर किए गए आंकड़ों के अनुसार, इनमें से लगभग 10 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश और 3 करोड़ लोग बिहार से हैं. यह संख्या केवल उन लोगों की है जिन्होंने पोर्टल पर अपना नाम दर्ज कराया है; असली संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है. 

क्या है वजह?

पलायन की मुख्य वजह बिहार और उत्तर प्रदेश में रोजगार के सीमित अवसर हैं. इन राज्यों में रोजगार की कमी और कम वेतन इन क्षेत्रों के लोगों को बेहतर अवसरों की तलाश में अन्य राज्यों की ओर धकेलते हैं. विशेष रूप से बिहार में, 90% मजदूरों की मासिक आय 10 हजार रुपये से कम है, जो आर्थिक संकट को बढ़ाता है और पलायन को प्रेरित करता है.

सार्वजनिक श्रम आंकड़े

ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत आंकड़ों के अनुसार, बिहार से 2 करोड़ 90 लाख से ज्यादा लोग अन्य राज्यों में काम करने के लिए पलायन कर चुके हैं. ये लोग मुख्यतः दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गुजरात, पंजाब और सिकंदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में रोजगार की तलाश में हैं.

राजनीतिक और कानूनी पहल

पलायन और रोजगार की समस्या अब राजनीतिक दलों के एजेंडे में शामिल हो गई है. कुछ राज्य पलायन को नियंत्रित करने के लिए कानूनी उपायों पर विचार कर रहे हैं, लेकिन ये उपाय समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करने में विफल हो सकते हैं और इससे आपसी टकराव बढ़ने की संभावना भी हो सकती है.

समाधान और सुझाव

इस समस्या का स्थायी समाधान ढूंढने के लिए सभी राजनीतिक दलों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है. प्रादेशिक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अधिक निवेश आकर्षित करना और नए रोजगार के अवसर पैदा करना महत्वपूर्ण है. बिहार और उत्तर प्रदेश की बढ़ती जनसंख्या और रोजगार की कमी को देखते हुए, आर्थिक सुधारों और विकास की पहल से इस समस्या में सुधार संभव है. 

      
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