Manmohan Singh Death: देश के चर्चित और आर्थिक योगदान के लिए पहचाने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है. उनके निधन से देशभर में शोक की लहर है. पूर्व पीएम के निधन के बाद उनके आवास पर देशभर के दिग्गज नेता और जानी मानी हस्तियां उनके अंतिम दर्शन कर रही हैं. लेकिन इस बीच सात दिन का राजकीय अवकाश भी घोषित कर दिया गया है. ऐसे में लोगों के जहन में सवाल उठ रहा है कि क्या पूर्व पीएम के निधन पर घोषित राजकीय अवकाश के दौरान सरकारी कामकाज भी बंद रहेंगे. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसे मौके पर क्या होता है.
कितन नहीं नहीं होगा सरकारी कामकाज
पूर्व पीएम के निधन के बाद यह सवाल सभी के मन में है कि कितने दिन तक सरकारी कामकाज नहीं हो सकेगा. बता दें कि राजकीय शोक के दौरान सरकारी छुट्टी का ऐलान किया जाता है. हालांकि इस दौरान छुट्टियां लगती नहीं है. खास तौर पर जो जरूरी कामकाज हैं वह यथावत चलते रहते हैं. दरअसल इसको लेकर 1997 में सरकार की ओर से ही एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था.
क्या था 1997 का नोटिफिकेशन
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक राजकीय शोक के वक्त किसी भी सरकारी संस्थान की छुट्टी नहीं होगी. लेकिन इस दौरान अगर पद पर रहते हुए किसी प्रधानमंत्री या फिर राष्ट्रपति का निधन होता है तो ऐसे वक्त पर सरकारी छुट्टी का ऐलान किया जा सकता है. इसके अलावा केंद्र और राज्य दोनों ही सरकार अपने मुताबिक हॉलीडे घोषित कर सकती हैं. हालांकि यह भी अनिवार्य नहीं है. इसे विकल्प के तौर पर रखा गया है.
कब लगता है राजकीय शोक, क्या होती है अवधि
बता दें कि राजकीय शोक की अवधि उसकी घोषणा पर ही निर्भर करती है. इसके लिए तय अवधि का जिक्र नहीं है. इसे तीन दिन से लेकर सात दिन या फिर 15 दिन भी किया जा सकता है. पूर्व पीएम अटल बिहार वाजपेयी के निधन के वक्त सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया था, लेकिन मुलायम सिंह यादव के निधन पर तीन दिन रहा.
ऐसे में राज्य और केंद्र पर निर्भर करता है कितन दिन का राजकीय शोक रखा जाए. इस शोक का घोषणा किसी पड़े पद पर रहने वाले या फिर रिटायर नेता के निधन पर होती है. जैसे पीएम, सीएम, राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि.