Ladli Behna Yojana Installment: मध्य प्रदेश की लाडली बहनों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है. मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की 1 करोड़ 29 लाख लाभार्थी बहनों के लिए महत्त्वपूर्ण खबर है. दरअसल, एमपी सरकार द्वारा विधानसभा की शीतकालीन सत्र में पेश किए गए 22460 करोड़ के अनुपूरक बजट 2024-25 में लाडली बहना योजना के लिए 465 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा लाडली बहन योजना इस अनुपूरक बजट में नई बहनों को जोड़ने और 3000 राशि देने की कोई योजना है भी या नहीं संबंधी पूरी जानकारी दी गई है. क्या योजना में उम्र का दायरा घटाकर 21 से 18 साल करने का प्रावधान लागू करने की तैयारी है विपक्ष द्वारा पूछे गए इन सवालों पर भी सरकार ने स्पष्ट रूप से जानकारी दी है.
योजना का पैसा बढ़ाने पर बोली यह बात
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस ने लाडली बहना योजना का मुद्दा उठाते हुए नए पंजीकरण और राशि 1250 से 3000 करने के बारे में सरकार से सवाल किया. इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भोरिया ने कहा कि पहले चरण में पंजीकरण प्रक्रिया 20 अगस्त 2023 तक पूरी की गई थी. इसके बाद से नए लाभार्थियों का पंजीकरण नहीं हुआ है. यानी 16 महीने से इस योजना से नई लाडली बहन नहीं जुड़ी हैं. योजना के अंतर्गत नए पंजीकरण अभी तक शुरू नहीं किए गए हैं. योजना के तहत नए आवेदन प्राप्त करने के लिए अलग से निर्देश जारी किए जाते हैं. सरकार द्वारा बताया गया है कि लाडली बहनों के लिए नए पंजीयन शुरू करने, लाड़ली बहनों को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर ₹ 3000 करने को लेकर अभी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. इसी तरह उम्र का दायरा 60 साल से बढ़ाकर आजीवन करने को लेकर भी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. हालांकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सरकार अगले 4 सालों में 3000 की राशि तक पहुंचाने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि एमपी सरकार पहले भी इस योजना के लिए उम्र का दायरा घटाने या बढ़ाने से इंकार कर चुकी है. क्योंकि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिलता है. हालांकि राशि ₹1250 से 3000 और इससे बढ़ाकर 5000 तक ले जाने को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव कई बार ऐलान कर चुके हैं. जानकारी के लिए बता दें कि लाड़ली बहना योजना पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा मई 2023 में शुरू की गई थी. इसमें 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को 3000 देने का फैसला किया गया था.