रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाला एक खास त्यौहार होता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उन्हें उपहार देकर उनकी रक्षा का वचन देते हैं. इस बार मध्य प्रदेश सरकार ने इस त्योहार को और भी खास बना दिया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐलान किया है कि रक्षाबंधन से पहले लाडली बहना योजना की डेढ़ करोड़ लाभार्थी महिलाओं को तोहफा दिया जाएगा. यह रकम 9 अगस्त से पहले सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि केवल आर्थिक मदद नहीं बल्कि बहनों के सम्मान और उनके आत्मसम्मान का प्रतीक है.
उन्होंने उज्जैन के एक गांव में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की. मंच से ही उन्होंने कुछ बहनों के खातों में पैसे ट्रांसफर कर इस योजना की शुरुआत की और महिलाओं को सशक्त बनाने का अपना संकल्प दोहराया. इससे पहले भी सरकार हर महीने लाडली बहनों को ₹150 की मदद देती रही है. लेकिन अब मुख्यमंत्री ने संकेत दिया है कि अक्टूबर से यह राशि बढ़कर ₹1500 कर दी जाएगी. यह बढ़ी हुई राशि दिवाली और भाईदूज के बीच दी जाएगी. यानी त्यौहार के मौसम में बहनों को सरकार की तरफ से एक और तोहफा मिलेगा. 12 जुलाई को सरकार ने लाडली बहना योजना की 26वीं किस्त जारी की थी. जिसमें डेढ़ करोड़ बहनों के खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि यह योजना अब केवल एक रकम नहीं रही बल्कि एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुकी है.
सरकार सिर्फ पैसा नहीं दे रही बल्कि महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है. जो महिलाएं रेडीमेड गारमेंट यूनिट या फैक्ट्री में काम करना चाहती हैं, अगर वह रजिस्ट्रेशन करती हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 5000 की सहायता दी जाएगी. यह राशि लाडली बहना योजना की किस्त से अलग होगी और काम करने की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए खासतौर पर दी जाएगी. सरकार का इरादा है कि हर महिला आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बने. इसी सोच के साथ आने वाले समय में इस योजना की राशि को 3000 तक बढ़ाने की भी योजना है. इससे बहनों को सिर्फ घरेलू जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं रहना पड़ेगा बल्कि वह खुद अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी.