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Cyber Bullying (File Photo)
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Cyber Bullying (File Photo)
Cyber Bullying: जब किसी बच्चे को चोट लगती है तो उसके माता-पिता परेशान हो जाते है. अपने बच्चे को दर्द में देख माता-पिता के आंखों से आंसू आ जाते हैं. बच्चे की दर्द-तकलीफ के लिए माता-पिता कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. माता-पिता ही होते हैं, जो बच्चे को चोट लगने पर मरहम पट्टी करते हैं, वह बीमार होता है तो उसका इलाज करवाते हैं. माता-पिता अपने बच्चों को किसी भी प्रकार के कष्ट में नहीं देख सकते हैं.
मां-बाप को शारीरिक परेशानियां तो दिख जाती हैं लेकिन परेशानियां हर बार शारीरिक ही हो ऐसा जरूरी तो नहीं. बच्चे कई बार मानसिक रूप से भी परेशान होते हैं. माता-पिता को ये पता लगाना बहुत जरुरी है. देश-दुनिया में साइबर बुलिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं. आपका बच्चा भी अगर साइबर बुलिंग का शिकार हो जाता है तो आपको इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.
आजकल के बच्चों का अधिकांश वक्त सोशल मीडिया, मोबाइल फोन और लैपटॉप पर ही गुजरता है. ऐसे में वे कई अनजान लोग से भी इंटरनेट की दुनिया में मिल जाते हैं. इनमें कुछ तो अच्छे होते हैं लेकिन कुछ बुरे भी. बुरे लोग बच्चों को खूब प्रताड़ित करते हैं. उन्हें डराते-धमकाते हैं. मानसिक रूप से उन्हें परेशान करते हैं. इस चीज को ही साइबर बुलिंग कहा जाता है.
साइबर बुलिंग से बचाने के लिए आपको अपने बच्चों से बात करने की जरुरत है. आपको उन्हें यकीन दिलाना है कि वह जो भी महसूस कर रहे हैं, आपसे शेयर कर सकते हैं और आप उन्हें किसी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएंगे. उन्हें यकीन दिलाएं कि आप उनकी हर प्रकार से मदद करेंगे. आपको अपने बच्चों को साइबर सिक्योरिटी के बारे में भी समझाएं. उन्हें समझाएं कि कैसे ऑनलइन उन्हें अपनी जानकारी गुप्त रखनी है. आपको अपने बच्चों को समझाना होगा कि कैसे आप अपने पासवर्ड को सेफ रखें. सोशल मीडिया का कैसे इस्तेमाल करें और कैसे अनजान लोगों से बात करनी है.
आप बच्चों के सोशल मीडिया फ्लेटफॉर्म पर भी नजर रख सकते हैं. आप उनके लिए फोन इस्तेमाल करने का टाइम फ्रेम भी सेट कर सकते हैं. आप फिजिकल एक्टिविटी के लिए भी उन्हें मोटिवेट कर सकते हैं. आप लैपटॉप में पैरेंटल कंट्रोल एप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर बच्चा साइबर बुलिंग का शिकार हो जाता है तो आप साइबर पुलिस को कंप्लेन कर सकते हैं.