ट्रेन से भारत में रोजाना करोड़ों लोग सफर करते हैं. भारतीय रेलवे हजारों की तादाद में इसके लिए ट्रेन चलाता है. लोग दूर का सफर तय करने के लिए ट्रेन का ही सहारा लेते हैं. ट्रेन का सफर काफी ज्यादा सुविधा युक्त होता है. रेलवे ने ट्रेन में यात्रा करने के लिए कुछ नियम बनाए हैं. नियमों का पालन करना सभी के लिए आवश्यक है.
रेलवे यात्रियों को बेसिक सुविधाएं मुहैया करवाता है. जैसे- अगर आपने एसी कोच की टिकट करवाई है तो उसमें एसी चलना जरूरी है. ठीक इसी तरह अगर आप टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसमें पानी होना जरुरी है. अगर रेलवे ऐसा नहीं करता है तो आपको मुआवजा मिलता है. मुआवजे के रूप में आपको 25 हजार रुपये मिलते हैं, आप यह मुआवजा कैसे निकाल सकते हैं, आइये जानते हैं…
यह है पूरा मामला
दरअसल, विशाखापट्टनम जिले के डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर रिऐड्रेसल कमीशन ने दक्षिण मध्य रेलवे को एक फैसला सुनाया. कमीशन ने दक्षिण मध्य रेलवे को आदेश दिया कि वह यात्री को 25 हजार रुपये मुआवजे के रूप में दे. पीड़ित यात्री अपने परिवार के साथ तिरुमाला एक्सप्रेस के एसी कोच में यात्रा कर रहा था, इस दौरान न एसी काम कर रहा था और न ही टॉयलेट में पानी था. पैसेंजर ने रेलवे की शिकायत कर दी. इसी शिकायत पर विशाखापट्टनम जिले के उपभोक्ता आयोग ने दक्षिण मध्य रेलवे को मुआवजा देने का आदेश सुना दिया. आयोग ने कहा कि रेलवे यात्रियों को बेसिक सुविधा देने के लिए पाबंद है, जैसे- एसी का चलना और टॉयलेट में पानी होना. चूंकि ऐसा नहीं हुआ, इस वजह से यात्रियों को परेशानी हुई.
आप भी कर सकते हैं शिकायत
ऐसे ही आप भी ट्रेन से अगर कहीं जा रहे हैं और सफर के दौरान आपको भी परेशानी होती है कि टॉयलेट में पानी नहीं मिला या फिर कोई और फैसिलिटी नहीं मिली को आप भी शिकायत कर सकते हैं. शिकायत सही पाई जाती है तो रेलवे आपको मुआवजा देगा.