Indian Post Big Update : भारतीय डाक का बड़ा फैसला, 1 सितंबर से खत्म हो जाएगा यह सेवा

डाक विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साल 2011 से 12 में रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से लगभग 24 करोड़ आर्टिकल्स भेजे गए थे जो 2019-20 में घटकर 18 करोड़ ही रह गए. यानी करीब 25% की गिरावट दर्ज की गई.

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Mohit Sharma
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डाक विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साल 2011 से 12 में रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से लगभग 24 करोड़ आर्टिकल्स भेजे गए थे जो 2019-20 में घटकर 18 करोड़ ही रह गए. यानी करीब 25% की गिरावट दर्ज की गई.

Indian Post Big Update:  भारतीय डाक विभाग ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए घोषणा की है कि 1 सितंबर 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को समाप्त कर दिया जाएगा और उसे स्पीड पोस्ट में मर्ज कर दिया जाएगा. यानी अब ग्राहक देश में कहीं भी पार्सल या जरूरी दस्तावेज भेजना चाहें तो उन्हें सिर्फ स्पीड पोस्ट सेवा का ही विकल्प मिलेगा. विभाग का कहना है कि इस फैसले से डाक सेवा तेज, अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से बेहतर हो सकेगी. गौरतलब है कि रजिस्टर पोस्ट की सेवा शुरुआत भारत में 1854 में हुई थी. इस सेवा के जरिए ग्राहक महत्वपूर्ण दस्तावेजों, कीमती वस्तुओं और गोपनीय चिट्ठियों को भेजा करते थे.

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1 सितंबर से रजिस्टर्ड पोस्ट लेवल उपलब्ध नहीं होगा

क्योंकि इसमें प्रूफ ऑफ डिलीवरी यानी रिसीवर के सिग्नेचर की व्यवस्था होती थी जो यह पुष्टि करती थी कि वस्तु सही व्यक्ति को मिली है. हालांकि अब यह सुविधा पूरी तरह स्पीड पोस्ट के भीतर समाहित कर दी जाएगी. 1 सितंबर से रजिस्टर्ड पोस्ट लेवल उपलब्ध नहीं होगा. रजिस्टर्ड पोस्ट और स्पीड पोस्ट की प्रकृति में एक मुख्य अंतर यह था कि रजिस्टर्ड पोस्ट केवल उसी व्यक्ति को सौंपी जाती थी जिसके नाम पर वह भेजी गई हो. जबकि स्पीड पोस्ट में उसी पते पर मौजूद कोई भी व्यक्ति पार्सल रिसीव कर सकता है. स्पीड पोस्ट अपनी तेज गति के लिए जानी जाती है और अब उसमें भी रिसीवर के सिग्नेचर, डिलीवरी ट्रैकिंग और डिलीवरी प्रूफ जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. रजिस्टर्ड पोस्ट की मांग में बीते कुछ वर्षों में लगातार गिरावट आई थी.

लगातार दर्ज की जा रही थी गिरावट

डाक विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साल 2011 से 12 में रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से लगभग 24 करोड़ आर्टिकल्स भेजे गए थे जो 2019-20 में घटकर 18 करोड़ ही रह गए. यानी करीब 25% की गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा कोविड महामारी के बाद इस सेवा का उपयोग और भी कम हो गया. जिसके बाद डाक विभाग ने इसे बंद करने का निर्णय ले लिया है. अब बात करें खर्च की तो स्पीड पोस्ट सेवा की दरें वजन और दूरी के आधार पर तय होंगी. 50 ग्राम तक के पार्सल के लिए अगर दूरी 200 कि.मी. से अधिक है तो शुल्क ₹35 होगा. 200 ग्राम तक के पार्सल के लिए 200 से 1000 कि.मी. तक ₹40, 1000 से 2000 कि.मी. तक ₹60 और 2000 कि.मी. से अधिक की दूरी पर ₹70 का चार्ज लगेगा.

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