Income Tax: नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. टैक्सपेयर्स के पास ITR फाइल करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प मौजूद हैं. आमतौर पर 31 जुलाई को ITR फाइल करने की अंतिम तिथि होती है, लेकिन समय से पहले प्रक्रिया पूरी करने से कई फायदे मिलते हैं.
हाल ही में, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-2 फाइलिंग के लिए एक नया एक्सेल-बेस्ड यूटिलिटी टूल (वर्जन 1.11) जारी किया है, जो खासतौर पर ऐसे व्यक्तियों (Individuals) और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिलीज (HUFs) के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं आती है.
क्या नए एक्सेल-बेस्ड यूटिलिटी टूल के फायदे
नवीनतम एक्सेल-बेस्ड यूटिलिटी टूल को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 25 मार्च 2025 को जारी किया है. यह ITR-2 रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को पहले के मुकाबले और भी ज्यादा सरल और तेज बनाएगा.
ये है नए टूल के प्रमुख फायदे
- मैनुअल डेटा एंट्री से मुक्ति: यह टूल स्वचालित गणना (automated calculations) की सुविधा प्रदान करता है, जिससे गलतियों की संभावना कम हो जाती है.
- समय की बचत: टैक्सपेयर्स को डेटा भरने और वेरिफिकेशन में लगने वाले समय की बचत होगी.
- गलत जानकारी की संभावना कम: इनकम टैक्स भरते समय गलत जानकारी दर्ज होने की संभावना इस टूल के इस्तेमाल से काफी कम हो जाएगी.
- सभी आवश्यक विवरण को कवर करता है: इसमें सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन और अन्य स्रोतों से आय की रिपोर्टिंग के लिए उपयुक्त विकल्प शामिल किए गए हैं.
- आसान एक्सेस और उपयोग: यह टूल टैक्सपेयर्स के लिए सरल, यूजर-फ्रेंडली और सुगम बनाया गया है.
कौन कर सकता है ITR-2 का इस्तेमाल?
ITR-2 फॉर्म का उपयोग उन्हीं व्यक्तियों और HUFs की ओर से किया जाता है, जो कुछ विशेष मानदंडों को पूरा करते हैं. जैसे-
ITR-2 का उपयोग करने वाले करदाता, जिनकी वार्षिक आय 50 लाख रुपये से अधिक है. जिन्हें सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी या कैपिटल गेन से आय होती हो. इसके साथ ही जो किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं. जिनके पास अनलिस्टेड कंपनियों में शेयर हैं.
इन लोगों के नहीं होगा उपयोगी
यह टूल उन टैक्सपेयर्स के लिए उपयोगी नहीं होगा, जिनकी आय व्यापार (Business) या प्रोफेशन से होती है. ऐसे करदाता ITR-3 या ITR-4 का उपयोग कर सकते हैं.
ITR फाइल करने की अनिवार्यता
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 139(1) के मुताबिक, अगर किसी कंपनी, फर्म, इंडिविजुअल या HUF की वार्षिक आय टैक्स छूट सीमा से अधिक होती है, तो उनके लिए ITR फाइल करना अनिवार्य हो जाता है. सरकार की ओर से यह कदम टैक्स अनुपालन को सुगम बनाने के लिए उठाया गया है ताकि टैक्सपेयर्स को बिना किसी तकनीकी कठिनाई के समय पर रिटर्न भरने की सुविधा दी जा सके.
ताकि आसान हो ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग प्रोसेस
सरकार लगातार ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग सिस्टम को सुधारने और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में काम कर रही है. नई एक्सेल-बेस्ड यूटिलिटी का अपडेटेड वर्जन, इसी प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है.
इससे पहले भी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने विभिन्न प्रकार के डिजिटल टूल्स और पोर्टल्स पेश किए हैं, ताकि टैक्सपेयर्स को फाइलिंग में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.