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Ration Card EKYC Process: भारत सरकार की ओर से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को निःशुल्क राशन प्रदान किया जाता है. हालांकि यह सुविधा केवल उन्हीं लोगों को मिलती है, जिनके पास मान्य राशन कार्ड होता है. इस कार्ड के जरिए न सिर्फ गरीब तबके के लोग जरूरी खाद्य पदार्थ से लेकर अन्य सामान कम कीमत या फिर निशुल्क ले सकते हैं. बल्कि ये कार्ड उनकी पहचान का भी बड़ा जरिया होता है. समय के साथ राशन कार्ड के इस्तेमाल में भी बदलाव आए हैं और राशन कार्ड को बैंक खाते से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए राशन कार्ड की ईकेवाईसी जरूरी है. इससे सरकार पात्र लोगों का आसानी से पता लगा सकती है.
यही वजह है कि अब सरकार ने राशन कार्ड ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य कर दिया है, ताकि पात्र लोगों को ही इस योजना का लाभ मिल सके और फर्जी लाभार्थियों को हटाया जा सके.
राशन कार्ड ई-केवाईसी: जरूरी प्रक्रिया और ठगी से बचाव के उपाय
अगर कोई व्यक्ति निर्धारित समय तक ई-केवाईसी नहीं करवाता है, तो उसका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा. ऐसे में मुफ्त राशन और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलना बंद हो जाएगा. इसी नियम के लागू होते ही कुछ साइबर अपराधी और दलाल सक्रिय हो गए हैं, जो ई-केवाईसी के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं. आइए जानते हैं कि राशन कार्ड ई-केवाईसी क्या है, इसे कैसे करवा सकते हैं और ठगी से कैसे बच सकते हैं.
राशन कार्ड ई-केवाईसी क्यों जरूरी है?
सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सिर्फ वास्तविक लाभार्थियों को ही राशन मिले और जो लोग गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, उन्हें हटाया जाए. ई-केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से सरकार प्रत्येक राशन कार्ड धारक की आधार कार्ड से लिंकिंग सुनिश्चित कर रही है, ताकि उनकी असली पहचान की पुष्टि की जा सके.
ई-केवाईसी नहीं कराने पर क्या होगा?
यदि कोई राशन कार्ड धारक समय पर ई-केवाईसी नहीं कराता है, तो उसका राशन कार्ड अमान्य घोषित कर दिया जाएगा. इससे न केवल मुफ्त राशन बंद हो जाएगा, बल्कि अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ भी प्रभावित हो सकता है.
राशन कार्ड का ई-केवाईसी कराने में कितना खर्च आता है?
ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क है. सरकार ने कोटेदारों (राशन डीलर्स) को ई-केवाईसी की जिम्मेदारी सौंपी है और इसके लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता, लेकिन कई जगहों पर राशन डीलर्स या एजेंट 10 से 50 रुपये तक वसूल रहे हैं, जो कि पूरी तरह से अवैध है. इसकी शिकायत की जा सकती है.
ई-केवाईसी के नाम पर पैसे मांगे जाएं तो क्या करें?
यदि आपसे ई-केवाईसी के नाम पर पैसे मांगे जाएं, तो आप इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन या खाद्य आपूर्ति विभाग में कर सकते हैं. विभाग के पास इसको लेकर तुरंत कार्रवाई करने का अधिकार है.
कैसे पहचानें ई-केवाईसी से जुड़ी ठगी?
ऑनलाइन लिंक भेजकर ठगी: साइबर अपराधी ई-केवाईसी अपडेट करने के नाम पर एक लिंक भेजते हैं. उस लिंक पर क्लिक करने से बैंक अकाउंट और व्यक्तिगत जानकारी हैक हो सकती है. कभी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपनी बैंक डिटेल्स शेयर न करें.
फोन कॉल या मैसेज के जरिए धोखाधड़ी: साइबर अपराधी राशन कार्ड डिलीट होने की धमकी देकर डराने की कोशिश करते हैं. अगर कोई व्यक्ति फोन पर ई-केवाईसी के लिए आधार नंबर, ओटीपी या बैंक डिटेल मांगता है, तो वह फर्जी है.
राशन डीलर्स द्वारा अवैध वसूली: यदि कोई राशन डीलर ई-केवाईसी के लिए पैसे मांगता है, तो यह सरकारी नियमों के खिलाफ है. ऐसे मामलों में स्थानीय खाद्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
कैसे कराएं राशन कार्ड ई-केवाईसी?
ई-केवाईसी करवाने की प्रक्रिया बहुत आसान है और इसे स्वयं या सरकारी केंद्रों पर जाकर पूरा किया जा सकता है.
- अपने नजदीकी सरकारी राशन की दुकान पर जाएं.
- राशन डीलर के पास POS (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन पर अपनी पहचान सत्यापित करें.
- आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो प्रस्तुत करें.
- ओटीपी (OTP) या फिंगरप्रिंट स्कैन के माध्यम से पहचान सत्यापित करें.
- दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
बता दें कि ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी तरह मुफ्त है. इसे केवल सरकारी अधिकृत कोटेदारों की ओर से ही किया जाना चाहिए. ऑनलाइन ठगों से बचें और अनधिकृत वेबसाइटों से ई-केवाईसी न करें.