House Rent Rule: क्या आपने अपना मकान किराए पर उठा रखा है. क्या आप भी किराएदारों से हर महीने मोटी रकम वसूलते हैं. अगर ऐसा है तो इस खबर से आपका सिर चकरा सकता है. क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने किराए पर मकान उठाने संबंधी सारे नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नियमों में किए गए बदलावों के बाद अब कोई भी मकान मालिक अपना घर किराए पर देने से पहले एक नहीं सौ बार सोचेगा. दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों संसद में आम बजट पेश करते हुए इस बात घोषणा की थी. वित्त मंत्री ने मकान मालिक और किराएदार संबंधी कानूनों की जानकारी देते हुए बताया था कि सरकार ने मकान भाड़ा संबंधी नियमों में बड़ा बदलाव किया है. सरकार की तरफ से बनाए गए किराया संबंधी नए नियम मकान मालिकों को चक्कर में डाल सकते हैं, जिसके बाद अब उनको अपना मकान किराए पर उठाना आसान नहीं होगा.
मकान मालिकों की मुश्किल बढ़ी
दरअलस, सरकार ने मकान किराया संबंधी नियमों में सबसे बड़ा बदलाव टैक्स को लेकर किया है. वास्तव यह बदलाव उन लोगों के लिए किए गए हैं, जो टैक्स बचाने का काम करते हैं. केंद्र सरकार ने मालिकों द्वारा की जा रही टैक्स चोरी पर अंकुश लगाने के लिए नियमों में फेरबदल किया है. नए नियमों के अनुसार मकान मालिकों को अब किराए से होने वाली आय को इनकम फ्रॉम हाउस प्रोपर्टी के रूप में दिखाना होगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनकम फ्रॉम हाउस प्रोपर्टी का अर्थ ऐसी आय से है, जो किसी भी व्यक्ति को अपनी संपत्ति से प्राप्त हुई है. ऐसे में लोगों को अब प्रोपर्टी से होने वाली इस आय पर भी टैक्स देना होगा. आसाना भाषा में समझें तो लोगों को अब किराए के मकान से होने वाली इनकम पर भी टैक्स देना होगा.
जानें कब से लागू होंगे नए नियम
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए बताया कि किराया कर संबंधी नया कानून अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगा. हालांकि सरकार की तरफ से इनकम फ्रॉम हाउस प्रोपर्टी के तहत मकान मालिकों को कुछ छूट भी दी गई हैं. इस क्रम में अब मकान मालिक संपत्ति की नेट वैल्यू का 30 फीसदी तक कर बचा सकते हैं. क्योंकि इसको टैक्स डिडक्शन के तहत रखा गया है.