PAN-Aadhar Card Fraud: क्या आपके भी PAN–Aadhaar कार्ड से हो रहा है स्कैम? इन तीन चालों से बचें, ऐसे रहें सतर्क

PAN-Aadhar Card Fraud: पंजाब के मोगा में एक दिहाड़ी मजदूर के नाम पर 35 करोड़ रुपये का GST फर्जीवाड़ा पकड़ में आया. मजदूर के PAN और Aadhaar डेटा से फर्जी कंपनी बना दी गई.

PAN-Aadhar Card Fraud: पंजाब के मोगा में एक दिहाड़ी मजदूर के नाम पर 35 करोड़ रुपये का GST फर्जीवाड़ा पकड़ में आया. मजदूर के PAN और Aadhaar डेटा से फर्जी कंपनी बना दी गई.

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Ravi Prashant
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PAN और Aadhaar कार्ड स्कैम Photograph: (Freepik)

PAN-Aadhar Card Fraud: भारत में पहचान चोरी अब सिर्फ साइबर क्राइम तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब सरकारी पहचान पत्रों के दुरुपयोग के जरिए करोड़ों रुपये का टैक्स घोटाला संभव हो गया है. पंजाब के मोगा में 35 करोड़ रुपये के GST फ्रॉड का ताजा मामला सामने आया है. हैरानी की बात यह है कि यह घोटाला किसी बड़े व्यापारी के नाम पर नहीं, बल्कि एक दिहाड़ी मजदूर के नाम पर हुआ है, जो दिनभर दिहाड़ी करके महज 500-1000 हजार रुपये कमाता है. 

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21 लाख का GST नोटिस

मोगा के भोजा चौक में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर अजमेर सिंह को 2022 में अचानक 21 लाख रुपये का GST टैक्स नोटिस मिला था. उस समय उन्होंने इसे एक गलती समझकर नजरअंदाज कर दिया. लेकिन ताजा नोटिस ने उनकी नींद उड़ा दी, सीधे ₹35 करोड़ की टैक्स देनदारी का नोटिस आ गया. जब जांच शुरू हुई, तो पता चला कि ‘Cee Kay International’ नाम की कंपनी उनके PAN और आधार नंबर पर रजिस्टर की गई है.

अजमेर ने नहीं बनवाया कभी PAN

हैरानी की बात यह है कि अजमेर सिंह ने कभी PAN कार्ड बनवाया ही नहीं था. ऐसे में सवाल उठता है कि उनके नाम पर PAN कैसे बना? जांच में अंदेशा जताया गया कि कोविड-19 के समय राशन वितरण या पहचान सत्यापन के दौरान आधार कार्ड की कॉपियां इकट्ठी की गई थीं, जिनका संभवत गलत इस्तेमाल कर PAN जारी करवाया गया और फिर कंपनी रजिस्टर कर दी गई. अब ऐसे में यहां समझने की जरुरत है कि आखिर पैन और आधार कैसे ऐसा हो सकता है? 

 कैसे होते हैं आधार–पैन स्कैम? तीन बड़ी चालें

जांच एजेंसियों के अनुसार, आजकल पहचान चोरी मुख्य रूप से तीन तरीकों से की जा रही है.

1) फर्जी कंपनी रजिस्ट्रेशन और GST फ्रॉड

चोरी हुए दस्तावेज, नकली सरकारी वेबसाइटें या स्कैन किए गए आधार कार्ड के जरिए अपराधी आपकी जानकारी हासिल करते हैं. फिर इसी पहचान पर शेल कंपनी बना दी जाती है. करोड़ों रुपये का व्यापार दिखाकर टैक्स चोरी की जाती है और नोटिस आपके घर आता है, जबकि असली अपराधी गायब हो जाता है.

2) लोन फ्रॉड और CIBIL स्कैम

PAN की सहायता से अपराधी फिनटेक ऐप्स या बैंक से छोटे लोन लेते हैं. जब EMI नहीं भरते, तो CIBIL स्कोर खराब होता है आपके नाम पर. असली परेशानी तब सामने आती है जब आप बैंक जाकर लोन लेने की कोशिश करते हैं और पता चलता है कि आपके नाम पर पहले से ही लोन चल रहा है.

3) आधार–PAN लिंकिंग का “ओटीपी फ्रॉड”

फर्ज़ी कॉल आती है, “आपका PAN बंद हो रहा है, ओटीपी बताइए…” जैसे ही ओटीपी दिया, अपराधियों के हाथ में आपके फोन और ऐप्स की पहुंच चली जाती है, और आपका डेटा तुरंत चुरा लिया जाता है. सरकार कभी फोन करके कोई लिंकिंग नहीं करवाती. यह सोचना ही खतरे की शुरुआत है.

 बच सकते हैं?  ये 5 कदम फॉलो करें

  • Income Tax पोर्टल पर लॉगिन कर अपनी गतिविधियां समय-समय पर चेक करें.
  • अगर किसी अनजान कंपनी या बिज़नेस रजिस्ट्रेशन का नाम दिखे, तुरंत शिकायत करें.
  • आधार/पैन की कॉपी किसी भी अनजान वेबसाइट, दुकान या WhatsApp पर न भेजें.
  • जहां जरूरी हो, Masked Aadhaar का उपयोग करें, जिसमें केवल आखिरी चार अंक दिखते हैं.
  • PAN–Aadhaar लिंकिंग के नाम पर कॉल आए, तुरंत काट दें, किसी भी ओटीपी की जानकारी न दें.

सावधानी ही बचाव है

एक छोटी लापरवाही किसी और के लिए करोड़ों का स्कैम बनाने का रास्ता खोल सकती है. पहचान चोरी अब सिर्फ डिजिटल अपराध नहीं, बल्कि आर्थिक और कानूनी खतरा बन चुका है. आज किसी मजदूर के नाम पर 35 करोड़ की कंपनी बन सकती है, तो कल ये आपके साथ भी हो सकता है.

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