GST on Small Cars: कार खरीदने वालों की आई मौज, सरकार की इस घोषणा से कार खरीदारों में खुशी का माहौल

GST on Small Cars: आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में इनकी बिक्री 13% घटकर सिर्फ 10 लाख यूनिट रह गई थी. जबकि XUV की बिक्री 23.5 लाख यूनिट तक पहुंच गई.

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Mohit Sharma
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GST on Small Cars: आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में इनकी बिक्री 13% घटकर सिर्फ 10 लाख यूनिट रह गई थी. जबकि XUV की बिक्री 23.5 लाख यूनिट तक पहुंच गई.

सरकार जल्द ही छोटी गाड़ी खरीदने वालों को बड़ी राहत दे सकती है. अभी छोटी कारों पर 28% जीएसटी और 1% सेस यानी कुल 29% टैक्स लगता है. लेकिन अब सरकार इस पर भारी कटौती करने की सोच रही है. नए प्रस्ताव के अनुसार 4 मीटर तक लंबाई और 1200 सीसी तक इंजन वाली पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी कारों पर सिर्फ 18% जीएसटी लगाया जा सकता है. इसका सीधा असर कारों की कीमतों पर पड़ेगा और अनुमान है कि छोटी कारों की कीमत करीब 12% तक कम हो सकती है. यानी एक कार की कीमत ₹20,000 से ₹25,000 तक घट सकती है. यह आम ग्राहकों के लिए बड़ी राहत साबित होगी और बाजार में फिर से नई जान डाल सकती है.

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छोटी कारें होंगी सस्ती

बड़ी कारों और XUV पर भी टैक्स कम करने का विचार है. लेकिन उन पर अब भी ज्यादा टैक्स लगेगा. फिलहाल बड़ी कारों और XUV पर 43 से 50% तक का टैक्स लगता है. लेकिन प्रस्तावित बदलाव के बाद इन पर करीब 40% की विशेष दर लग सकती है. हालांकि इलेक्ट्रॉनिक वाहनों पर 5% जीएसटी वैसे ही जारी रहेगा ताकि लोग ई व्हीकल्स की ओर ज्यादा आकर्षित हो. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संकेत दिया था कि सरकार जीएसटी में बड़े बदलाव करने जा रही है. उन्होंने कहा था कि नए सुधार पूरे देश में टैक्स का बोझ कम करेंगे और यह बदलाव दिवाली से पहले लोगों को तोहफे की तरह मिलेगा. सूत्रों के मुताबिक सरकार अब जीएसटी दरों को सरल बनाना चाहती है. 5% और 18% के दो मुख्य स्लैब रह सकते हैं. जबकि 12% और 28% वाले स्लैब खत्म हो सकते हैं. सिर्फ कुछ चीजें जैसे बड़ी कारों पर ही 40% तक का विशेष टैक्स रहेगा. रोजमर्रा की चीजें 5% टैक्स में आएंगी. जबकि मिडिल क्लास की खरीददारी और औद्योगिक सामान 18% वाले स्लैब में अगर यह बदलाव लागू होता है तो छोटी कारों का बाजार एक बार फिर मजबूत हो सकता है. अभी छोटे कारों और हैचबैक की बिक्री लगातार घट रही है.

आम परिवारों का सपना होगा पूरा

आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में इनकी बिक्री 13% घटकर सिर्फ 10 लाख यूनिट रह गई थी. जबकि XUV की बिक्री 23.5 लाख यूनिट तक पहुंच गई. 5 साल से लगातार छोटी कारों की हिस्सेदारी कम हो रही है और अब यह कुल पैसेंजर्स व्हीकल बाजार में सिर्फ 21% तक के आसपास रह गई है. इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि सुरक्षा और प्रदूषण से जुड़े नए नियमों की वजह से छोटी कारों की कीमतें पिछले कुछ सालों में 30% से 40% तक बढ़ गई है. इस इससे एंट्री लेवल ग्राहक कार खरीद नहीं पा रहे हैं. कई लोग दुपहिया वाहन से सीधे कॉम्पैक्ट XUV खरीदने की ओर बढ़ रहे हैं क्योंकि इसमें फीचर ज्यादा हैं और विकल्प भी आसानी से काफी मिल जाते हैं. ऐसे में अगर सरकार छोटी कारों पर टैक्स कम करती है तो इनकी बिक्री को बढ़ावा मिल सकता है और आम परिवारों का सपना फिर से सस्ती कार लेने का पूरा हो सकता है. कुल मिलाकर जीएसटी में यह बड़ा बदलाव कार बाजार की नई ऊर्जा को ला सकता है. छोटी कारें सस्ती होंगी.

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