देश में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं. साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए दूरसंचार विभाग ने नए नियमों की घोषणा की है. ये नियम बहुत ही सख्त हैं. इन नियमों से विभाग इंटरनेट की दुनिया में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है. विभाग ने फर्जी सिम कार्ड और धोखाधड़ी वाले संदेशों को रोकने के लिए ब्लैकलिस्टिंग प्रोसेस शुरू कर दी है. विभाग का ये कदम डिजिटल सुरक्षा और साइबर अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण बदलाव को दिखाता है.
SIM Card: अब ऐसी सिमकार्ड्स लेना होगा अपराध
दूरसंचार विभाग के नए नियमों के अनुसार, फर्जी नाम और दस्तावेजों से लिए गए सिम कार्ड अब अपराध मानें जाएंगे. ऐसे सिम कार्ड को विभाग हैंड-टू-हैंड बंद कर देगा. साइबर अपराधों को रोकने और लोगों के डिजिटल अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है.
SIM Card: ब्लैकलिस्टिंग प्रक्रिया और उसका प्रभाव
नए नियमों के तहत फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. तीन साल तक उनके सिमकार्ड लेने पर रोक लगा जी जाएगी. साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए विभाग का फैसला प्रभावी माना जा रहा है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सरकार ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. दोषी लोगों को विभाग की ओर से पहले नोटिस दिया जाएगा. इसके बाद उन्हें सात दिनों का समय दिया जाएगा. सार्वजनिक सुरक्षा को अगर खतरा होगा तो सरकार तुरंत कार्रवाई भी कर सकती है. विभाग ने बताया कि नए नियम 2025 से औपचारिक तौर पर लागू हो जाएगी.
SIM Card: नए टेलीकॉम एक्ट में धोखाधड़ी को लेकर कड़े कानून
बता दें, नए टेलीकॉम एक्ट, जिसे नवंबर 2024 में अधिसूचित किया गया था, उसमें साइबर सुरक्षा को प्राथ्मिकता दी गई है. एक्ट में डिजिटल अधिकारों और साइबर अपराध के प्रति सरकार की जवाबदेही को स्पष्ट किया गया है. सरकार ने धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए सिमकार्ड वेरिफिकेशन प्रोसेस को कड़ा कर दिया है.