खुले में पराली सहित कृषि अपशिष्ट जलाने वालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है. कचरे को अलग-अलग न करने वाले लोगों पर भी कार्रवाई होगी. सरकार ऐसा करने वाले लोगों और प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाने का अधिकार सीधा सफाईकर्मियों को देने की योजना बना रही है. ग्रामीण इलाकों में कचरा प्रबंधन के तरीकों को सुधारने और मजबूत निगरानी व्यवस्था बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
भारी जुर्माना लगाया जाएगा
ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2024 के मसौदे के अनुसार, स्थानीय निकायों को सुनिश्चित करना होगा कि कृषि या फिर बागवानी अपशिष्ट न जलाया जाए. ऐसा करने वाले लोगों के ऊपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. सरकार ने मामले में संबंधित लोगों से सुझाव मांगे हैं. अगले वर्ष अक्टूबर में ये नियम प्रभावित होंगे.
कूड़ों को चार अलग-अलग भागों में बांटा
कचरों को अलग-अलग न करने पर सरकार सफाईकर्मियों को जुर्माना लगाने और कूड़ा उठाने से मना करने का अधिकार देने की प्लानिंग कर रही है. मसौदे के अनुसार, कूड़े को चार भागों में बांटा गया है- गीला कचरा, सूखा कचरा, स्वच्छता वाला कचरा (सैनिटरी नैपकिन्स और डायपर्स) और खतरनाक सामाग्री वाला कचरा. ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2024 के मसौदे के अनुसार, स्थानीय निकायों को डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और जियो-टैग कचरा प्रबंधन सुविधाओं को लागू करना होगा. कचरा प्रबंधन से जुड़े आंकड़े भेजने के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाए जाएंगे. इन पोर्टलों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी स्थानीय निकायों की ही होगी.
केंद्र सरकार ने पराली जलाने पर बढ़ाया फाइन
बता दें, सर्दियों में दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी खराब हो जाती है. इसी वजह से केंद्र सरकार ने नवंबर में पराली जलाने वाले किसानों से वसूले जाने वाले जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी थी. दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को 2500 की जगह 5000 रुपये का अर्थदंड देना पड़ेगा और दो एकड़ से पांच एकड़ जमीन वाले किसानों को पांच हजार की जगह 10 हजार रुपये देने होंगे.