Government Schemes: भारत में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर अपने नागरिकों के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चलाती हैं. इन योजनाओं के पीछे सरकार का लक्ष्य ऐसे लोगों की मदद करना होता है, जो आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े होते हैं. ऐसे लोगों को सरकार वित्तीय मदद देकर मुख्यधारा में लाने का काम करती है, ताकि वो भी समाज में समान भाव से जीवन बसर कर सकें. इस बीच सरकार लोगों की जरूरत और सुविधाओं को ध्यान में रखते कई नई योजनाओं को लॉंच करती है, उनको अपडेट करती है और जरूरत पड़ने पर बंद भी कर देती है. आज हम आपको कुछ ऐसी योजनाओं की जानकारी देंगे, जिनको सरकार आने वाले दिनों में बंद कर सकती है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, भारत एक विशाल देश है और यहां किसी न किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं. इस दौरान राजनीतिक दलों के द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए एक मुफ्त की योजनाओं का ऐलान किया जाता है. चाहे फिर वह फ्री बस यात्रा हो, मुफ्त का राशन हो या फिर कोई अकाउंट में पैसे के रूप में ट्रांसफर की जाने वाली योजना हो. वहीं, चुनाव जीतने के बाद में नई सरकारें इन योजनाओं को लागू करने का भी प्रयास किया जाता है. यही नहीं, देश में कई राज्यों में ऐसी मुफ्त वाली योजनाएं चल भी रही हैं. इस क्रम में देश में चल रही मुफ्त की योजनाओं को बंद करने को लेकर एक बहस छिड़ गई है. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई एक याचिका में तो मुफ्त की योजनाओं को चुनावी रिश्वत का नाम दिया गया है. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भी जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने जताई आपत्ति
याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की तरफ से किए जा रहे ऐसे वादों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने चाहिए. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में शीघ्र सुनवाई के लिए याचिकाकर्ता अपील भी कर सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में पिछले कुछ सालों के भीतर मुफ्त की योजनाओं का चलन बढ़ा है. कई राज्यों में सरकारें ऐसी कई योजनाएं चला रही हैं, जिनसे आम लोगों को सीधा फायदा पहुंच रहा है. इसके साथ ही लोगों में इन योजनाओं की वजह से संबंधित राजनीतिक दल के प्रति लगाव भी बढ़ा है, जिसका फायदा उनको चुनाव में मिलता है.