Government Scheme: सरकारी योजनाओं को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल जल्द ही सरकार सभी सरकार की ओर से चलाई जा रही मुफ्त योजनाओं को बंद कर सकती है. इसको लेकर देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट से एक अहम निर्देश जारी किया गया है. दरअसल सरकार की ओर से कई राज्यों में मुफ्त बिजली से लेकर राशन और अन्य योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इसको लेकर अब अदालत सख्त नजर आ रही है. कोर्ट में इसको लेकर याचिका दाखिल की गई है और कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है.
क्यों बंद हो जाएंगी सरकारी योजनाएं
केंद्र से लेकर राज्य सरकार की ओर से आम जनता के लिए कई मुफ्त योजनाएं चलाई जा रही हैं. इनमें फ्री बस सेवा हो या फिर, मुफ्त राशन या फिर फ्री बिजली से लेकर कई राज्यों में सरकार की ओर से लोगों के खातों में एक निश्चित राशि भी जमा की जाती है. लेकिन अब इस तरह की योजनाओं पर जल्द ही विराम लग सकता है. राजनीतिक दलों की ओर से इस तरह की स्कीम के जरिए मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जाती है. कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर की गई है और ऐसी योजनाओं को तुरंत बंद करने का निर्देश देने को कहा गया है.
विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव में होता है इस्तेमाल
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि इस तरह की योजना के जरिए पॉलिटिकल पार्टीज फिर चाहे वह विधानसभा चुनाव हों या फिर लोकसभा चुनाव या फिर नगर निकाय के इलेक्शन. हर मौके पर ऐसा ऐलान किया जाता है कि जो लोगों को फ्री योजना के जरिए अपने पाले में लाने की कोशिश की जाती है. इसे रिश्वत के तौर पर देखना चाहिए.
कोर्ट का क्या है तर्क
कोर्ट ने भी अलग-अलग याचिकाओं पर विचार करने के बाद यह माना है कि इस तरह की योजनाओं के जरिए एक तरह से मतदाताओं को रिश्वत देने का काम किया जा रहा है. इस पर विराम लगाया जा सकता है. इसको लेकर कोर्ट की ओर से न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी किया गया है.
तत्काल रोक के लिए उठाए जाएं कदम
सरकार की ओर से इस तरह की योजनाओं को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए कदम उठाने को भी कहा गया है. अदालत की पीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा है कि अगर चाहें तो इस मुद्दे पर जल्द सुनवाई के लिए अपील भी की जा सकती है.
बता दें कि राजनीतिक खुद एक दूसरे पर इस तरह के आरोप लगाते हैं कि मुफ्त योजनाओं से जनता का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसे मुफ्त की रेवड़ी कहकर भी संबोधित किया जाता है. लेकिन तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर इस तरह की योजनाएं चलाए रहे हैं. कोर्ट के निर्देश पर अमल किया गया तो जल्द ही मुफ्त राशन से लेकर फ्री बिजली तक सभी योजनाओं पर विराम लग जाएगा.