GOOD NEWS: सिर्फ केन्द्र ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारें भी अपने-अपने राज्य में जनहित की तमाम योजनाएं चलाती हैं. लेकिन कई योजनाओं का धरातल पर आना बहुत मुश्किल होता है. आज हम यहां जिस योजना की बात कर रहे हैं. उसे गांव की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू किया गया था. लेकिन आज भी सब बेटियों को योजना के बारे में जानकारी नहीं है. इसलिए पात्र होने के बावजूद भी सब लोग योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं. जी हां यहां बात हो रही है गांव की बेटी योजनी की. जिसमें कुछ जरूरी डॅाक्यूमेंटेशन के बाज जुड़ा जा सकता है..
स्कॅालरशिप देने का प्रावधान
दरअसल, गांव की बेटी योजना का लाभ हायर एजुकेशन प्राप्त कर रही गांव की बेटियां ही उठा सकती हैं. स्कीम के तहत पात्र छात्राओं को 500 रुपए प्रतिमाह स्कॅालरशिप के रूप में दिये जाते हैं. साथ ही ये धनराशि बेटियों को साल में 10 माह तक मिलती है. ताकि गांव की बेटियों को हायर एजुकेशन के तहत आने वाले खर्चों का प्रबंधन हो सके. क्योंकि कई बार गांव की बेटियों के बास पढ़ाई संबंधी सामग्री जैसे बुक या पैन-पैनसिल आदि खरीदने के लिए पैसे नहीं होते. इन्हीं बातों का ध्यान रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने ये स्कीम शुरू की थी.
ये है पात्रता
जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाली वे छात्राएं गांव की बेटी योजना का लाभ ले सकती हैं. जिन्होने इंटर प्रथम श्रेणी से पास की हो, साथ वह इंटर के बाद ग्रेजुएशन में दाखिला ले चुकी हो. यदि आप इन दोनो शर्तों को पूरा करती हैं तो मध्य प्रदेश के स्कॅालरशिप पोर्टल पर जाकर, गांव की बेटी योजना का पेज खोलकर आवेदन कर सकती हैं. आपको किसी भी कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी.
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
गांव की बेटी योजना में आवेदन के लिए आपके पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आयु का प्रमाण, कास्ट प्रमाणपत्र, जिस कॅालेज से ग्रेजुएशन कर रही हैं उसका नाम व कोड़ नंबर, बैंक ब्रांच कोड, पासपोर्ट साइज फोटो, 12वीं कक्षा की अंकतालिका, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी होना जरूरी है. यदि आपके पास उपरोक्त सभी दस्तावेज हैं तो आप योजना के तहत आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकती हैं.