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YEIDA Housing (File)
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YEIDA Housing (File)
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में खरीददार अब बुकिंग के वक्त 10 प्रतिशत पंजीकरण राशि के साथ स्टांप ड्यूटी जमा करके फ्लैट का मालिकाना हक पा सकेंगे. यीडा क्षेत्र के बिल्डर अब फ्लैट खरीददारों के साथ धोखेबाजी नहीं कर पाएंगे. मालिकाना हक पाने के बाद बिल्डर न तो खरीददात के फ्लैट पंजीकरण को रद्द कर पाएंगे और न ही मनमानी कर पाएंगे.
प्राधिकरण ने गुरुवार को बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है. नया नियम एक अक्टूबर से लागू होगा. यीडा अधिकारी ने बताया कि अक्सर शिकायतें मिलती थी कि खरीददार ने फ्लैट बुक किया और पैसे जमा करने में जैसे ही थोड़ी देरी हुई, वैसे ही बिल्डर ने उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया. कुछ खरीददारों की शिकायत थी कि हमने फ्लैट कोई और बुक किया था पर बिल्डर ने भुगतान के बाद हमें चाबी किसी और फ्लैट की दे दी. ऐसी ही मामलों को खत्म करने के लिए यीडा ने नए नियम लागू किए हैं.
यमुना सिटी में अब जो भी ग्रुप हाउसिंग परियोजना शुरू होगी. उन सभी में नए नियम लागू होंगे. एक अक्टूबर से बिल्डर अब जो भी फ्लैट बुक करेंगे, वह रजिस्टर्ड बिल्डर बायर एग्रीमेंट के आधार पर होंगे. खरीददार को फ्लैट की रजिस्ट्री के साथ स्टांप का पूरा पैसा खर्च करना होगा. खरीददारों को लीगल तौर पर मजबूती देने के लिए यह निर्णय लिया गया है. रजिस्टर्ड बीबीए होने पर बिल्डर बाद में मनमर्जी नहीं कर सकता है.
आसान भाषा में समझाएं तो मान लीजिए यीडा क्षेत्र के किसी ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में खरीददार को एक फ्लैट पंसद आया, जिसकी कीमत 50 लाख रुपये है. खरीददार को 50 लाख का 10 प्रतिशत यानी पांच लाख रुपये रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में बिल्डर को देने होंगे. इसके अलावा, खरीददार को छह प्रतिशत स्टांप ड्यूटी यानी तीन लाख रुपये का भुगतान करना होगा. यह तीन लाख रुपये उत्तर प्रदेश सरकार के खाते में जमा होंगे. खरीददार के पास फ्लैट बुकिंग का यह सबसे बड़ा प्रूफ होगा.
अगर कोई बिल्डर या फिर खरीददार फ्लैट बुक करते वक्त 100 रुपये के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट करता है तो प्राधिकरण उसे मान्य नहीं करेगा. खरीददार को खुद स्टांप का खर्च उठाना पड़ेगा. खरीददार पर इस वजह से आर्थिक बोझ तो बढ़ेगा लेकिन इसके फायदे भी होंगे. रजिस्ट्रेशन राशि और स्टांप ड्यूटी अदा करने पर उसे फ्लैट का मालिकाना हक मिल जाएगा.