/newsnation/media/media_files/2025/12/11/delhi-mumbai-expressway-2025-12-11-12-02-35.jpg)
Delhi-Mumbai Expressway (AI)
Delhi-Mumbai Expressway: भारत में सड़कों का नेटवर्क तेजी से बढ़ता जा रहा है. भारत में इस वक्त एक एक्सप्रेस-वे इतिहास रचने को तैयार है. इस परियोजना का नाम है, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे. ये सिर्फ सड़क या हाईवे बनाने की परियोजना नहीं है, ये देश की राजधानी और देश की आर्थिक राजधानी को जोड़ने की परियोजना है. छह से आठ लेन वाला ये हाईवे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है. परियोजना एक बार पूरा हो जाए, जिसके बाद दोनों शहरों के बीच का सफर 25 घंटे से घटकर महज साढ़े 12 घंटे रह जाएगा.
इस परियोजना को भारतीय सड़क के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी परियोजना मानी जा रही है. एनएचएआई इसका निर्माण कर रही है. ये भारतमाला परियोजना का हिस्सा है. 1355 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का 774 किलोमीटर हिस्सा यात्रियों के लिए खुल चुका है. मार्च 2026 तक एक्सप्रेस-वे के पूर्ण होने की उम्मीद है. करीब एक लाख करोड़ की लागत से एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है.
Delhi-Mumbai Expressway: छह राज्यों को आपस में जोड़ता है एक्सप्रेस-वे
एक्सप्रेस-वे देश के छह प्रांतों को आपस में जोड़ेगी, जिसमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल है. हाईवे की शुरुआत दिल्ली के डीएनडी फ्लाइवे और हरियाणा के सोहना होगी और इसका अंत महाराष्ट्र के विरार और जेएनपीटी पोर्ट पर होगा. एक्सप्रेस-वे पर यात्रा की अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है.
Delhi-Mumbai Expressway: किन-किन राज्यों से होकर गुजरेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे
दिल्ली से शुरू होने वाला हाईवे इसके बाद गुरुग्राम के सोहन, राजस्थान के जयपुर, दौसा और सवाई माधोपुर से होकर गुजरेगा. इसके बाद एक्सप्रेस-वे इसके बाद मध्यप्रदेश के रतलाम और आसपास के इलाकों को आपस में जोड़ेगा. एक्सप्रेस-वे इशके बाद गुजरात के वडोदरा और सूरत तक पहुंचका है. अंत में एक्सप्रेस-वे महाराष्ट्र के विरार से होते हुए मुंबई तक पहुंचेगा.
Delhi-Mumbai Expressway: इन शहरों तक आसान हो जाएगी पहुंच
एक्सप्रेस-वे की मदद से जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद तक पहुंच आसान हो जाएगी. एक्सप्रेस-वे में करीब 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है, इसी चीज से आप सीमेंट की मजबूती का अंदाजा लगा सकते हैं.
Delhi-Mumbai Expressway: चार हिस्सों में बंटा है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को चार मेन सेक्शन में बांटा गया है, जिससे निर्माण कार्य में को योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके. पहला हिस्सा दिल्ली से फरीदाबाद और केएमपी एक्सप्रेस-वे से जुड़ता है. दूसरा हिस्सा सबसे बड़ा है, जो सोहना से शुरू होता है और वडोदरा तक जाता है. तीसरा हिस्सा वडोदरा से विरार तक का है. अंतिम हिस्सा विरार से मुंबई के जेएनपीटी पोर्ट तक जाता है. एक्सप्रेस-वे कई छोटे-छोटे शहरों, गांवों और औद्योगिक क्षेत्र और पर्यटन स्थल भी आते हैं. इस वजह से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है.
Delhi-Mumbai Expressway: अन्य एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेगा यह मार्ग
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को अन्य महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की योजना है, जिसकी मदद से आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे तक पहुंच आसान हो जाएगी. इस एक्सप्रेस-वे की मदद से भारत का सड़क परिवहन और अधिक मजबूत और सुगम बनेगा.
Delhi-Mumbai Expressway: एक्सप्रेस-वे पर कैसा होगा भुगतान का तरीका
एक्सप्रेस-वे पर आधुनिक ऑटोमैटिक टोल सिस्टम लगाया जा रहा है. हर 50 किलोमीटर पर एंट्री–एग्जिट पॉइंट होंगे. FASTag के जरिए अपने आप आपका पैसा कट जाएगा.
Delhi-Mumbai Expressway: इन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा एक्सप्रेस-वे
पूरा एक्सप्रेस-वे आधुनिक और स्मार्ट सुविधाओं से लैस होगा. रास्ते में हर 93 किलोमीटर पर एक सुविधा केंद्र बनाया जाएगा, जहां होटल, रेस्तरां, एटीएम, पेट्रोल पंप और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन होंगे. अगर कोई हादसा होता है तो तुरंत मदद पहुंचाई जा सकती है. हर 100 किलोमीटर पर इसके लिए हेलिपैड और ट्रॉमा सेंटर बनाए जाएंगे. इसकी एक और खासियत है कि ये पर्यावरण अनुकूल है. पूरे रास्ते पर 20 लाख पेड़ लगाए जाएंगे. इसे ड्रिप इरिगेशन से पानी दिया जाएगा. कार्बन उत्सर्जन इससे कम होगा.
Delhi-Mumbai Expressway: इलेक्ट्रिक हाईवे और जानवरों के लिए सुरक्षित मार्ग
एक्सप्रेस-वे का एक हिस्सा इलेक्ट्रिक हाईवे के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस पर इलेक्ट्रिक बस और ट्रक 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं. आठ में से चार लेनों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विकसित किया जा रहा है. चूंकि एक्सप्रेस-वे कई वन क्षेत्रों से गुजरता है, इसलिए वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. जानवरों के लिए लंबे एनिमल ओवरपास और सुरंगे बनाई जा रहीं हैं, जिससे जानवर बिना किसी परेशानी के रोड पार कर सकें.
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us