/newsnation/media/media_files/2025/05/28/84SSj85k0EJrwNV97okp.jpg)
Fastag Rule: अगर आप अक्सर नेशनल हाइवे से यात्रा करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. केंद्र सरकार ने टोल भुगतान से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जो 15 नवंबर 2025 से लागू होगा. इसके तहत, फास्टैग का उपयोग न करने वालों को अब टोल प्लाजा पर जेब और ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी. ऐसे लोगों को दोगुना टोल टैक्स देना होगा. हालांकि जो इसे इस्तेमाल करते हैं उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.
क्या है नया नियम?
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, बिना वैध फास्टैग वाले वाहनों को अब टोल प्लाजा पर नकद भुगतान करने पर टोल का दोगुना शुल्क देना होगा. यानी यदि टोल की सामान्य राशि 100 रुपए है, तो नकद भुगतान करने पर यह बढ़कर 200 रुपए हो जाएगा.
हालांकि, इस बार नियमों में एक नया विकल्प जोड़ा गया है- यदि वाहन चालक UPI के तहत टोल का भुगतान करता है, तो उसे टोल का केवल 1.25 गुना शुल्क देना होगा. उदाहरण के लिए, अगर टोल 100 रुपए है, तो UPI पेमेंट करने पर 125 रुपए देने होंगे.
सरकार का मकसद क्या है?
यह कदम राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 में संशोधन का हिस्सा है. सरकार का उद्देश्य है कि कैश लेनदेन को कम कर देशभर में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जाए. इससे जहां टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति में सुधार होगा, वहीं टोल कलेक्शन की प्रक्रिया भी ज्यादा पारदर्शी और तेज होगी.
फास्टैग क्या है?
FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) संचालित करता है. यह RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक पर काम करता है और टोल प्लाजा पर वाहन के गुजरते ही खाते से शुल्क अपने आप कट जाता है. इससे गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होती.
3000 रुपये में पास की सुविधा भी
इसी साल 15 अगस्त को NHAI ने एक और सुविधा लॉन्च की थी FASTag आधारित वार्षिक पास, जिसकी कीमत 3000 रुपए रखी गई है. यह सुविधा केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों (जैसे कार, जीप, वैन) के लिए है. इसका मकसद यह है कि वाहन चालक बार-बार रिचार्ज की झंझट से मुक्त होकर निर्बाध यात्रा कर सकें.
यह भी पढ़ें - UPI Rules Change: 31 दिसंबर से बदल जाएगा UPI का नियम, अब एक ही ऐप में दिखेंगे सभी ट्रांजैक्शन