Utilities News: किसानों को खेती के काम में खसरा और खतौनी के लिए बार-बार केवाईसी करानी पडती है. यह किसानों के लिए झंझट का काम होता है. यूपी सरकार ने इस मामले से निपटने के लिए एग्री स्टैक योजना शुरू की है. इस योजना में एक डिजिटल बेस बनाया जा रहा है जिसमें किसानों को रजिस्ट्री हो रही है. इस योजना का बड़ा उद्देश्य है कि भारतीय किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म से अटैच हो जाएंगे जिससे उन्हें भविष्य में लाभ भी हों और बार-बार केवाईसी का झंझट भी न रहे. किसानों को भी इससे लाभ होगा.
किसानों को रजिस्ट्री कराने के बाद फसली ऋण, पीएम किसान योजना, फसल बीमा और अन्य सभी सरकारी योजनाओं के लाभ किसान असानी से उठा सकेंगे. यूपी के कृषि से जुड़े एक अफसर के मुताबिक, प्रदेश के विभिन्न जनपदों पर किसानों के रजिस्ट्री का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है.
बार-बार अपने आधार से KYC नहीं कराना पडे़गा
इस योजना के तहत किसानों के रिकॉर्ड जैसे खसरा नंबर और खतौनी को उनके आधार से लिंक किया जाएगा, जिससे किसानों को सारी सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए बार-बार अपने आधार से KYC नहीं कराना पडे़गा.
ये है अंतिम डेट
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को किसानों को डिजिटल रजिस्ट्री करवानी जरूरी है. किसानों को अपनी रजिस्ट्री 31 दिसंबर 2024 से पहले ही करवानी पड़ेगी. इसके लिए किसान अपने नजदीकी कैंप में जाकर रजिस्ट्री करवा सकते हैं. इसके बाद सभी सरकारी योजनाओं के लाभ उठा सकते हैं.
इन दस्तावेजों की होगी जरूरत
डिजिटल रजिस्ट्री कराने के लिए इस बेव https://upfr.agristack.gov.in पर किसान अपनी रजिस्ट्री करवा सकते हैं. पोर्टल के अलावा किसान अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र में जाकर या पंचायत भवन के कैंप में जाकर भी रजिस्ट्री करवा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को खतौनी, आधार कार्ड और योजना से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर जैसे दस्तावेजों की जरूरत होगी.