How to identify fake potatoes: बाजार में आए दिन नकली पनीर, दूध, मेवा बिकने की खबर तो आती ही रहती हैं, लेकिन अब आलू भी नकली बनाया जाने लगा है. फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) ने इसका खुलासा किया है. इन आलू को केमिकल से पकाकर और रंग में रंगकर बेचा जा रहा है. बीते दिनों FSDA ने यूपी के बलिया में 21 क्विंटल नकली आलू जब्त किया था.इसे खाने से न केवल लिवर-किडनी खराब होने का डर रहता है. बल्कि कैंसर तक होने का खतरा रहता है. सफेद आलू को लाल रंग से डाई करके ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है.पुराने और खराब हो चुके आलू को कृत्रिम रंगों से रंग कर और केमिकल का उपयोग से नए आलू जैसा बना कर बेचा जा रहा है.नकली आलू को पहचाने के लिए आप फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety and Standards Authority of India) के बताए तरीकों को अपना सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या है नकली आलू ?
FSSAI के मुताबिक आलू को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का यूज किया जाता है. इसमें आर्सेनिक और फॉस्फोरस होते हैं. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के अनुसार अगर आर्सेनिक पीने के पानी के अंदर मौजूद है तो भी कैंसर कर सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कोई लंबे समय तक नकली आलू का सेवन करता है तो ब्लैडर और फेफड़ों के कैंसर होने का उसे खतरा रहता है.
क्या होता है नकली आलू खाने से ?
आलू को लाल डाई से रंगा जा रहा है. जिसमें Red 40 नाम की डाई का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके चलते नकली आलू खाने से अधिक प्यास लगती है. इसे खाने से लोगों को कमजोरी भी महसूस हो सकती है. इससे खूनी दस्ती, सीने में जलन, उल्टी, डायरिया भी होने का डर रहता है.
नकली आलू की ऐसे करें पहचान
FSSAI के मुताबिक नकली आलू को पहचानने के लिए आप उसे सबसे पहले ध्यान से देखें. अगर इसकी स्किन पर काले धब्बे या असामान्य रंगत है तो यह केमिकल से पका हो सकता है. इसके अलावा ये भी ध्यान दें कि कहीं आलू की रंगत हरी तो नहीं है. या फिर इसमें किसी तरह की कोई गंध तो नहीं आ रही है. इसके अलावा आलू को खरीदते समय उसे हल्का-सा मसलें.अगर आलू रंग छोड़ने लगता है, तो यह नकली हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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