EPFO: अगर आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं और भी संगठित क्षेत्र की कंपनी के लिए काम करते हैं तो यह खबर आपके लिए काम की साबित हो सकती है. क्योंकि ऐसे कर्मचारियों का वास्ता कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ से पड़ना ही होता है. दरअसल, ईपीएफओ अपने सदस्यों को कई तरह सी सुविधाएं उपलब्ध कराता है. इस क्रम में बैलेंस चेक करने, पैसा निकालने से लेकर अकाउंट ट्रांसफर तक की सुविधा ईपीएफओ की तरफ से दी जाती है. जैसा कि आप जानते हैं कि कंपनी बदलते ही पीएफ को नए कंपनी के पास ट्रांसफर किया जाना होता है.
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पुराने पीएफ अकाउंट पर कब तक मिलता है ब्याज
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर कोई कर्मचारी कंपनी बदलने के बाद भी अपना पीएफ अकाउंट नई एंप्लोयर के पास ट्रांसफर नहीं करता तो क्या उसको पुराने पीएफ अकाउंट पर फिर भी ब्याज मिलता रहेगा. ऐसे में आपको बता दें कि पुराने यानी निष्क्रिय ईपीएफ अकाउंट पर ब्याज मिलना केवल कुछ ही सालों के लिए जारी रहता है. निर्धारित समय सीमा खत्म होने का बाद यह सुविधा खत्म हो जाती है. ऐसे में ईपीएफओ का ब्याज संबंधी नियम जान लेना बहुत जरूरी होता है.
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क्या है ईपीएफओ का नियम
दरअसल, ईपीएफ भारत के सबसे विश्वसनीय रिटायरमेंट सेविंग ऑप्शन में से एक है. इसमे कर में छूट तो मिलती ही है साथ ही साथ बेहतर ब्याज दर भी मिलती है. लेकिन अगर आप कंपनी बदलने के बाद पुराना ईपीएफ अकाउंट ट्रांसफर नहीं किया है तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. असल में ज्यादातर कर्मचारी सोचते हैं कि नौकरी बदलने के बाद भी बिना पीएफ अकाउंट ट्रांसफर किए पुराने खाते में ब्याज मिलता रहता है, लेकिन यह गलत है. इस स्थिति में ईपीएफओ केवल कुछ तय समय के लिए ही ब्याज देता है. ईपीएफओ के नियमानुसार अगर किसी ईपीएफ खाते में तीन साल तक कोई योगदान नहीं होता तो उसको निष्क्रिय मान लिया जाता है और ब्याज मिलना बंद हो जाता है.