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DA Hike: देशभर में सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और राहत (Dearness Relief) में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है. केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में डीए बढ़ाने के बाद अब तमिलनाडु सरकार ने भी अपने लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी सौगात दी है. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य के कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है.
अब 55 से बढ़कर 58 फीसदी हुआ महंगाई भत्ता
तमिलनाडु सरकार ने अपने कर्मचारियों का डीए 55 से बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिया है. नई दरों को लागू करने के बाद राज्य के कर्मचारियों का डीए अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर हो गया है. यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी। इस निर्णय से राज्य के लगभग 16 लाख सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे.
राज्य सरकार पर पड़ेगा 1,829 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार
महंगाई भत्ते में यह बढ़ोतरी तमिलनाडु सरकार के खजाने पर लगभग 1,829 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डालेगी. हालांकि, सरकार का कहना है कि बढ़ते महंगाई दरों के चलते यह कदम जरूरी था ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके. मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि सरकारी सेवकों की मेहनत और योगदान राज्य के विकास में महत्वपूर्ण है, इसलिए उनके जीवनस्तर को बेहतर बनाने की दिशा में यह फैसला उठाया गया है.
अन्य राज्यों ने भी बढ़ाया था डीए
तमिलनाडु से पहले बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा की सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए डीए बढ़ा चुकी हैं. बिहार सरकार ने दीपावली और छठ महापर्व से पहले राज्य के कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा तोहफा देते हुए महंगाई भत्ता 55% से बढ़ाकर 58% किया था. यह निर्णय भी 1 जुलाई 2025 से लागू माना जाएगा. इसी तरह, यूपी और ओडिशा ने भी केंद्र के फैसले के बाद अपने कर्मियों के डीए में बढ़ोतरी की थी.
कर्मचारियों में खुशी की लहर
तमिलनाडु सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में खुशी का माहौल है. लंबे समय से बढ़ती महंगाई से जूझ रहे कर्मचारियों ने इस कदम का स्वागत किया है. उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी त्योहारों के मौसम में आर्थिक राहत देगी और जीवन यापन को थोड़ा आसान बनाएगी.
कुल मिलाकर, तमिलनाडु सरकार का यह फैसला न केवल लाखों कर्मचारियों को राहत देगा बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बनेगा कि महंगाई के दौर में सरकारी कर्मियों का सहयोग किस तरह प्राथमिकता में रखा जा सकता है.
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