ड्रोन से इन लोगों की होगी बल्‍ले-बल्‍ले, सरकार के इस कदम से आय में होगी बढ़ोतरी

सरकार मह‍िलाओं के ह‍ित में बड़ा कदम उठाने जा रही है. स्‍वयं सहायता समूहों को चलाने वाली मह‍िलाओं के ल‍िए सरकार ने खजाना खोल द‍िया है. इस कदम से एग्रीकल्‍चर में नई तकनीक आएगी ज‍िससे प्रोडक्‍ट‍िव‍िटी के साथ इनकम भी बढ़ेगी. 

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Shyam Sundar Goyal
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Utility News: सरकार मह‍िलाओं के ह‍ित में बड़ा कदम उठाने जा रही है. स्‍वयं सहायता समूहों को चलाने वाली मह‍िलाओं के ल‍िए सरकार ने खजाना खोल द‍िया है. मह‍िला स्‍वयं सहायता समूहों को ड्रोन के साथ एक पूरी क‍िट दी जा रही है ज‍िसकी कीमत 10 लाख है. लेक‍िन सरकार इसपर 80 फीसद अनुदान दे रही है. इस कदम से एग्रीकल्‍चर में नई तकनीक आएगी ज‍िससे प्रोडक्‍ट‍िव‍िटी के साथ इनकम भी बढ़ेगी. 

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इस बारे में कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा,"यदि हमें तेज गति से आगे बढ़ना है, तो हमें नई तकनीक को समझकर अपनाना होगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. योजना के तहतएग्रीकल्‍चर ड्रोन और उससे जुड़ी किट के लिए 80 प्रतिशत अनुदान यानी 8 लाख रुपये दिए जाएंगे. बाकी 2 लाख रुपये महिलाओं को जीविका समूहों के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे. ड्रोन दीदी योजना (Drone Didi Yojana) न केवल महिलाओं को तकनीकी क्षेत्र में प्रशिक्षित कर रही है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी दे रही है. इस योजना से महिलाएं आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकती हैं. यह पहल महिलाओं और किसानों के जीवन को नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है." 

मजबूत भारत और बिहार का निर्माण भी होगा

ड्रोन दीदी योजना का नाम इसलिए रखा गया है ताकि महिलाओं को सीधे नए टेक्न‍ोलॉजी इनोशन से जोड़ा जा सके. यह योजना महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है और उन्हें खेती में ड्रोन जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने के लिए सक्षम बनाती है. इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में पूरे देश में 14,500 महिला समूहों को इस योजना से जोड़ा जाएगा. इससे न केवल महिलाओं का आर्थिक विकास होगा बल्कि एक मजबूत भारत और बिहार का निर्माण भी होगा.

कृषि में ड्रोन का महत्व

कृषि में पारंपरिक उपकरणों की जगह अब आधुनिक तकनीक ले रही है. ड्रोन के उपयोग से पेस्‍टीसाइड्स और फर्टिलाइजर्स की खपत कम तो होती है बल्‍क‍ि टाइम और लेबर की बचत भी होती है. इससे क‍िसानों को फसल की मात्रा ज्‍यादा म‍िलती है तो इनकम भी बढ़ती है. ड्रोन की हेल्‍प से क‍िसान बड़ी मात्रा और बड़े इलाके में कम समय में छ‍िड़काव कर सकते हैं. 

बिहार में क्‍यों बांटे जा रहे हैं ड्रोन 

भारत सरकार ने बिहार के लिए 201 ड्रोन वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके तहत पटना में महिलाओं को 15 दिन का फ्री में ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद महिलाएं ड्रोन के संचालन और उपयोग में एक्‍सपर्ट हो सकेंगी. 

किसे मिलेगा योजना का लाभ ?

ड्रोन दीदी योजना के तहत  किसान, कृषि यंत्र बैंक, स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पाद संगठन (FPO),स्वयंसेवी संस्थाएं, निजी संस्थाएं और पंजीकृत कंपनियां लाभ ले सकती हैं. ड्रोन खरीदने के लिए यह अनिवार्य है कि वह ड्रोन DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) के माध्‍यम से कृषि उपयोग के लिए रज‍िस्‍टर्ड हो. ड्रोन दीदी योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति या समूह ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए सरकार ने कृषि यांत्रिकरण योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. योजना के तहत लाभ लेने वालों का चयन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से होगा.

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