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New Property Rule: आमतौर पर काम के सिलसिले में लोग अपने घरों से निकलकर दूसरे शहरों का रुख करते हैं. कई बार तो राज्य भी बदलना पड़ते हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग किराए का घर ढूंढते हैं. वहीं कई लोग अपनी पक्की आमदनी के लिए अपनी संपत्ति को किराए पर देते हैं. ऐसे में मकान मालिक और किराएदार दोनों ही एक दूसरे से परेशान रहते हैं. मकान मालिकों को जहां किराएदार के समय पर घर छोड़ने या फिर मन मुताबिक किराया न देने की शिकायत रहती है. वहीं किराएदार भी लगातार किराया बढ़ाने से लेकर कई तरह की परेशानियों से जूझते हैं. लेकिन अब सरकार ने प्रॉपर्टी के नियमों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर ली है. इस बदलाव से जहां मकान मालिकों की मौज आ गई है वहीं किराएदारों को बड़ा झटका लगा है.
किराए का घर लेने से पहले जान लें नया नियम
कई बार ये देखने में आया है कि किराएदार मकान मालिक की प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लेते हैं. लेकिन ऐसे किराएदारों को अब सरकार की ओर से बड़ा झटका लगने वाला है. क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से एक बड़ा कदम उठाया गया है. मोहन सरकार ने इस तरह के कब्जा करने वाले किराएदारों पर नकेल कसने वाला कानून तैयार कर लिया है. दरअसल सरकार की ओर से मॉडल किराएदार अधिनियम को लागू किया जा रहा है. इसका ड्रॉफ्ट भी तैयार कर लिया गया है और जल्द ही सदन में इस विधेयक को पेश किया जाएगा.
क्या है मॉडल टेनेंसी एक्ट बिल
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से किराएदारों की मनमानी पर लगाम लगाने या फिर नियंत्रण के लिहाज से मॉडल टेनेंसी एक्ट लागू किया जाना है. इसके तहत किराएदार जबरन मकान मालिक की संपत्ति पर कब्जा नहीं कर पाएंगे. मकान मालिक जब चाहेगा तब अपनी संपत्ति को किराएदार के कब्जे से मुक्त करवा सकता है.
मकान मालिक भी नहीं कर पाएंगे मनमानी
इस एक्ट से भले ही किराएदारों को झटका लगेगा लेकिन मकान मालिकों की मनमानी को रोकने में भी मदद मिलेगी. कई बार मकान मालिक जबरन किराया बढ़ाता जाता है और किराएदार को परेशान करता है. ऐसे में नए कानून के तहत मकान मालिक को सुरक्षा निधि यानी सिक्योरिटी फीस लेने का अधिकार होगा. ऐसे में एग्रीमेंट खत्म होता है तो मकान मालिक को प्रॉपर्टी खाली करवाने के लिए सक्षम ऑफिसर से पहले आवेदन करना होगा.
तुरंत वह किराएदार से मकान खाली नहीं करवा पाएगा. वहीं नए नियमों के तहत किसी लैंडलॉर्ड और टेनेंट में विवाद जैसी स्थिति बनती है तो मकान मालिक न तो उसकी बिजली काट सकता है, उसका पानी का कनेक्शन कट कर सकता है और न ही पार्किंग से लेकर उसके आने जाने के साधन जैसे लिफ्ट या सीढ़ी को बंद कर सकेगा.
सारी जानकारी एक पोर्टल पर अपडेट होगी
सरकार की ओऱ से एक पोर्टल तैयार किया जाएगा. इस पोर्टल पर मकान मालिक से लेकर किराएदार तक की सभी जानकारियां अपडेट की जाएंगी. इस पोर्टल की देखरेख डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी करेंगे. यही नहीं मकान मालिक या किराएदार को अपील करना होगी तो वह जिला जल की अध्यक्षता में रेंट ट्रिब्यूनल की ओर गठित बेंच करेगी.
इस नए नियम के तहत मकान मालिक जिस भी व्यक्ति या संस्था को संपत्ति किराए पर देगा उसका पूरा ब्यौरा या विवरण उक्त पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा. ताकि भविष्य में होने वाले किसी भी तरह के विवाद की स्थिति में इन दस्तावेजों और जानकारी से मदद ली जा सके.