दिन निकलते ही सरकार की बड़ी घोषणा, मिलेगा इस अहम सुविधा का लाभ, जश्न का माहौल

Good News: चाहे देश की सरकार हो या राज्यों की सरकारें हर वर्ग की जरूरत के लिए काम कर रही हैं. हाल ही में ओडिशा की राज्य सरकार ने महिलाओं के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने अहम कदम उठाते हुए सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने वाले कर्मचारियों को मैटरनिटी लीव देने के नए प्रावधानों की घोषणा की है.

Good News: चाहे देश की सरकार हो या राज्यों की सरकारें हर वर्ग की जरूरत के लिए काम कर रही हैं. हाल ही में ओडिशा की राज्य सरकार ने महिलाओं के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने अहम कदम उठाते हुए सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने वाले कर्मचारियों को मैटरनिटी लीव देने के नए प्रावधानों की घोषणा की है.

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Sunder Singh
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Good News:  चाहे देश की सरकार हो या राज्यों की सरकारें हर वर्ग की जरूरत के लिए काम कर रही हैं. हाल ही में ओडिशा की राज्य सरकार ने महिलाओं के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने अहम कदम उठाते हुए सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने वाले कर्मचारियों को मैटरनिटी लीव देने के नए प्रावधानों की घोषणा की है. घोषणा के तहत अब महिला कर्मचारियों को 180 दिनों तक मैटरनिटी लीव मिलेगी. यही नहीं पुरूषों को भी 15 दिन की लीव देने की घोषणा की है. आपको बता दें कि ये नीति केन्द्र सरकार ने पहले ही लागू की हुई है. आइये जानते हैं किन शर्तों में इस छूट का लाभ महिलाएं कर्मचारी उठा सकती हैं... 
 

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ये हैं नियम व शर्तें 

सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, सरोगेसी के माध्यम से मां बनने वाली महिला राज्य कर्मचारी, जिन्हें ‘कमीशनिंग मदर्स’ कहा जाता है, 180 दिनों के के लिए मैटरनिटी लीव के लिए पात्र मानी गई हैं.  साथ ही राज्य सरकार की कोई भी महिला कर्मचारी, जिसे दो से कम बच्चे हों. साथ ही वह सरोगेसी मां बनती हैं तो उन्हें इस सुविधा का लाभ मिलेगा. साथ ही पुरुष राज्य कर्मचारी, या ‘कमीशनिंग पिता’, जो सरोगेसी के माध्यम से बच्चा पैदा करते हैं, वे 15 दिनों के लीव के लिए पात्र माना गया है... याद रहे ये लीव बच्चे के जन्म के छह माह के अंदर ही मान्य होगा. अन्यथा इसे मान्य नहीं किया जाएगा... 

केन्द्र सरकार पहले ही देती है सुविधा

आपको बता दें कि केन्द्र सरकार पहले से ही इस सुविधा का लाभ केन्द्रीय कर्मचारियों को देती है. आपको बता दें कि नई नीति की व्यापक रूप से प्रशंसा की गई है. क्योंकि यह परिवारों के निर्माण के विविध तरीकों, विशेष रूप से सरोगेसी के माध्यम से, को मान्यता देने की दिशा में एक बहुत ही अच्छा कदम है. कर्मचारी कल्याण के मुताबिक, मातृत्व और पितृत्व अवकाश नीतियों में सरोगेसी को शामिल करना माता-पिता बनने के विविध तरीकों के बारे में बढ़ती समझ को दर्शाता है.

खुशी का माहौल

आपको बता दें कि सरकार के इस कदम की चहुंओर प्रशंसा हो  रही है. साथ ही सरोगेसी मां व उनसे जुड़ें लोगों  में खुशी का माहौल है. 
 सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि सभी माता-पिता, चाहे वे बच्चे पैदा करने के किसी भी तरीके से क्यों न हों, अपने बच्चे के जीवन के महत्वपूर्ण शुरुआती महीनों के दौरान साथ रहें.

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