प्राइवेट कर्मचारियों के लिए नया साल खुशिया लेकर आना वाला है. आने वाले वर्ष में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की सैलरी बढ़ सकती है. ईपीएफओ के तहत, आन वाले कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोत्तरी और पेंशन में बदलाव संकेत देते हैं कि सरकार अब प्राइवेट कर्मचारियों की समस्याओं की ओर ध्यान दे रही है.
लंबे वक्त से परेशान प्राइवेट कर्मचारी
बता दें, लंबे समय से महंगाई, कम सुविधाएं और ईएमआई के तले बोझ में दबने की वजह से प्राइवेट कर्मचारियों परेशान हैं. इसके वजह से उनमें असंतोष बढ़ने लगा है. हालांकि, नए साल में सरकार से राहत मिलने की उम्मीद दिखाई दे रही है.
अब सरकार इस मामले में उठा सकती है बड़ा कदम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार आम बजट 2025 में बड़ा फैसला ले सकती है. जानकारी के मुताबिक, सरकार कर्मियों की कैलकुलेशन की सीमा को 15 हजार से बढ़ाकर 21 हजार रुपये करने का प्रस्ताव तैयार कर सकती है. 10 साल पहले 2014 में ये योजना लागू की गई थी. सरकार अब बदलते वक्त और बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसमें संंशोधन कर सकती है. संसद में अगर ये प्रस्ताव पास हो जाता है तो प्राइवेट कर्मियों को बड़ी राहत मिल सकती है. कर्मचारियों को सिर्फ बेहतर पेंशन ही नहीं बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी.
प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगी आर्थिक मजबूती
ईपीएफओ में पेंशन गणना की सीमा बढ़ने से कर्मचारियों को लंबे वक्त तक आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी. अगर उनकी पेंशन 15 हजार से बढ़कर 21 हजार हो जाती है तो कर्मचारियों को हर महीने 2550 रुपये अतिरिक्त पेंशन मिल सकती है. कर्मचारियों के मासिक वेतन में कुछ कमी आ सकती है. ऐसा इसलिए की उनकी सैलरी का अधिक अंशदान उनकी पेंशन के लिए जाएगा.