Petrol Diesel Vehicle Ban : पूरी दुनिया में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और इससे इंसानी जान खतरे में पड़ गई है. दुनिया भर में पेट्रोल और डीज़ल के विकल्प तलाशे जा रहे हैं और इसको लेकर तेजी से काम किया जा रहा है. इस कड़ी में दुनिया को चौंकाते हुए एक बड़ा फैसला लिया गया है. ब्रिटेन में 2030 तक पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को दान किया जाएगा. ब्रिटेन में 2040 तक पेट्रोल डीजल की गाड़ियों को बैन करने का फैसला किया गया था, जिसे बाद में बदलकर 2035 कर दिया गया. लेकिन ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ने इसमें और 5 साल कम करके इसे 2030 कर दिया है.
क्या 100 प्रतिशत बैन होंगे पेट्रोल-डीजल वाहन
खबरों की मानें तो रिटेल स्पेस पर जल्द मुहर लगा सकता है. यहां पर जानकारियां आपको देते चले कि प्रदूषण को लेकर भारत चिंतित है और इसको लेकर भारत भी अपनी कमर कस चुका है. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसको लेकर कहा है कि 2030 तक भारत में सौ फीसदी इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही चलेंगी. यह बात जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही तो ऑटो इंडस्ट्री की चिंता बढ़ गई. उसके बाद इस ऐलान में बदलाव किया गया और 100 फ़ीसदी की जगह अतिक्रमण किया गया है. लेकिन अब सरकार दोपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक करने पर ज्यादा जोर दे रही है. जानकारों की मानें तो अगर भारत पूरी तरह डीजल पेट्रोल मुक्त होना चाहता है तो उसे पहले इलेक्ट्रिक कारों को सस्ता करना होगा. जैसे कि एक सामान्य कार 4.5 लाख मिलती है तो वहीं इलेक्ट्रिक कार की कीमत 20 लाख से ज्यादा है. लेकिन जानकारों की मानें तो जिस तरह से हवा में जहर घुल रहा है तो ऐसे में यह फैसला सही होगा.
क्या बोले नितिन गडकरी?
जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से सवाल किया गया कि क्या भारत में पेट्रोल-डीजल कारों पूरी तरह से बैन किया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि सौ प्रतिशत प्रतिबंध तो थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन नामुमकिन भी नहीं. एक मीडिया रिपोर्ट के मानें नितिन गडकरी ने बताया कि भारत ईंधन के आयात 16 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा व्यय करता है. लेकिन ग्रीन इकोनॉमी बनने और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता खत्म होने के बाद यह पैसा देश के किसानों के काम आ सकेगा. जिससे उनको आर्थिक फायदा होगा. नितिन गडकरी ने कहा कि इससे न केवल गांव समृद्ध होंगे बल्कि युवाओं को नौकरी के मौके पर भी मिलेंगे.