अतंरजातीय विवाह करने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर आई है. अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने खास योजना बनाई है. योजना का नाम है- अंतरजातीय विवाह योजना. योजना के तहत सरकार अंतरजातीय शादी करने वाले जोड़े को 2.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. सरकार की इस स्कीम की मदद से लोग अपनी नई जिंदगी को बेहतर ढंग से शुरू कर सकते हैं. आइये इस योजना के बारे में समझते हैं.
अंतरजातीय विवाह योजना का उद्देश्य
अंतरजातीय विवाह करने वाले कपल्स को चूंकि परिवार से समर्थन नहीं मिलता, जिस वजह से शादी के शुरुआती दिनों में उन्हें आर्थिक संकट झेलना पड़ता है. सरकार ने इसी स्थिति को सुलझाने और जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए खास ये योजना चलाई है. योजना 2013 से जारी है लेकिन जानकारी न होने की वजह से लोग इस योजना का फायदा नहीं ले पाते हैं.
Antarjatiya Vivah Yojana की आवेदन प्रक्रिया
योजना का लाभ लेने के लिए आपको ये करना होगा. कपल्स को सबसे पहले कोर्ट मैरिज करनी होती है. शादी के बाद, आपको जिला कार्यालय से योजना का आवेदन फॉर्म भरना होगा. फॉर्म भरने के बाद पति-पत्नी को अपनी-अपनी जाति के प्रमाणपत्र और मैरिज सर्टिफिकेट सहित विभिन्न महत्वपूर्ण दस्तावेज लगाने होंगे. फॉर्म और डॉक्युमेंट्स को जिला कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन फॉर्म की जांच होगी, इसके बाद फॉर्म को अंबेडकर फाउंडेशन भेज दिया जाएगा. आपको अगर पात्र पाया जाता है तो ज्वाइंट खाते में सरकार 2.50 लाख रुपये जमा कर देती है.
Antarjatiya Vivah Yojana की पात्रता शर्तें
हर योजना की तरह इस योजना के लिए कुछ पात्रताएं तय की गई है. पहली शर्त है कि वर और वधु अलग-अलग जाति के होने चाहिए. मतलब एक सामान्य जाति से हो तो दूसरा दलित समुदाय से. शादी हिंदू मैरिज एक्ट से प्रमाणित होनी चाहिए. अगर आपकी ये दूसरी शादी है तो आप इस योजना का लाभ नहीं सकते हैं.