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EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वर्ष 2025 में अपने सदस्यों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई बड़े और प्रभावशाली बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य EPFO से जुड़ी प्रक्रियाओं को डिजिटल, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना है। इससे न केवल कर्मचारियों का समय बचेगा बल्कि उनकी बचत, पेंशन और सेवाओं से जुड़ी जटिलताओं में भी कमी आएगी। आइए जानते हैं इन पांच प्रमुख बदलावों के बारे में...
1. अब आसानी से कर पाएंगे प्रोफाइल अपडेट
आप अपनी EPFO प्रोफाइल को अपडेट करने में दिक्कतों का सामने करते हैं या फिर परेशानी होती है तो आपके लिए अच्छा बदलाव किया गया है। अब ईपीएफओ से जुड़ी जानकारियों को अपडेट करना पहले से कहीं ज्यादा सरल हो गया है। यदि किसी सदस्य का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) आधार से लिंक है, तो वह ऑनलाइन माध्यम से नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, वैवाहिक स्थिति, माता-पिता का नाम और नौकरी की प्रारंभ तिथि जैसे विवरण बिना किसी दस्तावेज के बदल सकता है।
हालांकि, जिन कर्मचारियों का UAN 1 अक्टूबर 2017 से पहले जारी हुआ था, उन्हें कुछ मामलों में नियोक्ता की स्वीकृति की आवश्यकता हो सकती है। यह सुविधा लाखों कर्मचारियों के लिए समय और श्रम की बचत लेकर आएगी।
2. फटाफट ट्रांसफर होगा PF
आमतौर पर जब भी हम जॉब चेंज करते हैं तो भविष्य निधि (PF) ट्रांसफर करना पहले एक जटिल और समय लेने वाला कार्य लगता है, क्योंकि इसमें पुरानी और नई कंपनी की मंजूरी अनिवार्य होती थी। लेकिन अब, 15 जनवरी 2025 से यह प्रक्रिया काफी हद तक ऑटोमैटिक हो गई है।
यदि सदस्य का UAN आधार से जुड़ा हुआ है और उसकी व्यक्तिगत जानकारी (नाम, जन्मतिथि, लिंग) पूरी तरह मेल खाती है, तो PF ट्रांसफर बिना किसी मंजूरी के तेजी से पूरा हो जाएगा। इससे PF की निरंतरता बनी रहेगी और कर्मचारियों को अपनी बचत के प्रबंधन में अधिक सहूलियत मिलेगी।
3. सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) की शुरुआत
ईपीएफओ खाता धारकों खास तौर पर पेंशनभोगियों के लिए 1 जनवरी 2025 से EPFO ने सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) लागू किया है। अब पेंशन सीधे राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसी भी बैंक खाते में भेजी जा रही है।
पहले एक क्षेत्रीय कार्यालय से दूसरे में PPO ट्रांसफर करना पड़ता था, जिससे देरी होती थी। अब यह प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है और नए PPO को UAN से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (Digital Life Certificate) आसानी से जमा किया जा सके।
4. उच्च वेतन पर पेंशन के लिए नियम भी हुए साफ
उच्च वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना को लेकर अब कोई भ्रम नहीं रहेगा। EPFO ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई कर्मचारी निर्धारित वेतन सीमा से अधिक कमाता है और अतिरिक्त अंशदान देता है, तो वह उच्च वेतन के आधार पर पेंशन पाने का हकदार होगा।
अब निजी ट्रस्ट संचालित करने वाली कंपनियों को भी EPFO के इन नए नियमों का पालन करना होगा, जिससे पारदर्शिता और समानता बनी रहेगी। यह बदलाव पेंशन की राशि को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
5. जॉइंट डिक्लेरेशन (JD) प्रक्रिया हुई आसान
जॉइंट डिक्लेरेशन की प्रक्रिया की बात करें तो इसे भी सरल कर दिया गया है। 16 जनवरी 2025 से EPFO ने इस प्रोसेस को आसान बना दिया है। पहले ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब किसी भी गलत या अधूरी जानकारी को सही करना पहले से तेज और आसान हो गया है। इससे दावों की प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनेगी।
बता दें कि EPFO के ये बदलाव कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने और उनकी सेवाओं को डिजिटल इंडिया की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ये नई पहल न केवल समय और संसाधनों की बचत करेंगी, बल्कि लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को एक सुरक्षित और आसान भविष्य निधि प्रणाली का अनुभव भी कराएंगी।
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