8th Pay Commission से पहले रेलवे का बड़ा प्लान! तैयार की नई रणनीति

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग से बढ़ने वाले वेतन खर्च को लेकर भारतीय रेलवे ने खर्च घटाने और कमाई बढ़ाने की रणनीति बनाई है. जानिए कैसे रेलवे भविष्य की तैयारी कर रहा है?

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग से बढ़ने वाले वेतन खर्च को लेकर भारतीय रेलवे ने खर्च घटाने और कमाई बढ़ाने की रणनीति बनाई है. जानिए कैसे रेलवे भविष्य की तैयारी कर रहा है?

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Yashodhan Sharma
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railway on 8th Pay Commission

railway on 8th Pay Commission Photograph: (NN)

8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों से भविष्य में बढ़ने वाले वेतन खर्च को लेकर भारतीय रेलवे अभी से तैयारी में जुट गया है. रेलवे अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए खर्च में कटौती और कमाई बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे मेंटेनेंस, खरीद और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लागत घटाने के उपाय अपना रहा है, ताकि नया वेतनमान लागू होने पर अतिरिक्त बोझ को आसानी से संभाला जा सके.

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रेलवे अधिकारियों का कहना है कि मकसद यह है कि वेतन आयोग लागू होने के बाद रेलवे की आय पर ज्यादा दबाव न पड़े. इसके लिए गैर-जरूरी खर्चों पर नियंत्रण, बेहतर प्रबंधन और संसाधनों के कुशल इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है.

जनवरी 2024 में हुआ वेतन आयोग का गठन

आठवां केंद्रीय वेतन आयोग जनवरी 2024 में गठित किया गया था. इसकी अध्यक्षता पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं. आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करेगा. इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है. इससे करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और लगभग 69 लाख पेंशनर्स प्रभावित होंगे. आयोग को 18 महीनों में रिपोर्ट देनी है, हालांकि जरूरत पड़ने पर अंतरिम रिपोर्ट भी दी जा सकती है.

 रेलवे के आंकड़ों का इशारा 

रेलवे के वित्तीय आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2024-25 में उसका ऑपरेटिंग रेशियो 98.90% रहा, जिससे करीब 1,341 करोड़ रुपये की शुद्ध आय हुई. वहीं 2025-26 के लिए रेलवे ने ऑपरेटिंग रेशियो को घटाकर 98.42% करने का लक्ष्य रखा है. इससे अनुमान है कि नेट रेवेन्यू बढ़कर 3,041 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.

अधिकारियों का क्या है कहना

अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल रेलवे नए शॉर्ट-टर्म कर्ज लेने के मूड में नहीं है. उनका कहना है कि 2027-28 तक फ्रेट से होने वाली सालाना कमाई में लगभग 15,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी. इससे वेतन आयोग के कारण बढ़े खर्च को संभालना आसान हो जाएगा. साथ ही आने वाले वर्षों में IRFC को किए जाने वाले भुगतान में भी कमी आने की उम्मीद है.

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