8th pay commission: देश में महंगाई को ध्यान में रखते हुए हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन किए जाने की व्यवस्था है. सरकार ने दस साल पहले यानी 2014 में 7वें वेतन आयोग का गठन किया था, जिसकी सिफारिशों को 2016 में लागू कर दिया गया था. इससे सरकारी कर्मचारियों को काफी राहत मिली थी, उनके वेतन में भत्तों में बड़ी वृद्धि हुई थी. अब क्योंकि 7वें वेतन आयोग को दस साल का पूरा समय हो गया है तो कर्मचारियों के बेसब्री के साथ 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार है. लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट कर्मचारियों को निराश कर सकती है.
8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं
दरअसल, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार के पास 8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों में संशोधन के लिए वेतन आयोग की सिफारिशों को ही आधार माना जाता रहा है. क्योंकि 7वें वेतन आयोगी की सिफारिशों से देश के लाखों कर्मचारियों को फायदा हुआ था. अब लोगों को मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि 8वां वेतन आयोग आएगा भी या नहीं. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के ताजा बयान के अनुसार फिलहाल सरकार 1 जनवरी 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. बल्कि वेतन वृद्धि के लिए एक नया समीक्षा तंत्र अपनाने की बात कही गई है.
नियमित वेतन समीक्षा प्रणाली होगी लागू
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार चाहती है कि वेतन आयोग के स्थान पर नियमित वेतन समीक्षा प्रणाली को लागू करे. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में जानकारी देते हुए बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन और भत्तों की समीक्षा के लिए नए आयोग के गठन की कोई जरूरत नहीं है. बल्कि एक्रोयड फॉर्मूले को समीक्षा का आधार बनाया जाएगा. इस फॉर्मूले के तहत मूलभूत जरूरतों और महंगाई दर को ध्यान में रखा जाएगा. यह काम शिमला लेबर ब्यूरो की निगरानी में किया जाएगा.