8th Pay Commission
आठवें वेतन आयोग को लेकर देश भर में करीब 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि सबको उम्मीद थी कि जल्द ही वेतन बढ़ने की खुशखबरी मिलेगी. लेकिन अब लग रहा है कि यह फायदा इतनी जल्दी मिलने वाला नहीं है और इसमें अभी लंबा वक्त लग सकता है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगर सब कुछ तय समय पर भी हुआ तो भी इसकी सिफारिशें 2027 के आखिर तक या फिर 2028 की शुरुआत से लागू हो पाएंगी. देरी की बड़ी वजह यह है कि सातवें वेतन आयोग के वक्त भी ऐसा ही हुआ था. उस समय आयोग के गठन से लेकर उसकी रिपोर्ट लागू करने तक करीब ढाई साल से भी ज्यादा समय लग गया था. लगभग 2 साल 9 महीने.
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें जल्दी लागू होना मुश्किल
इसी अनुभव से अब माना जा रहा है कि जनवरी 2025 में घोषित आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें जल्दी लागू होना मुश्किल है और शायद 2026 तक भी यह संभव नहीं हो पाए. अभी तक की स्थिति देखें तो जनवरी 2025 में सरकार ने भले ही आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान कर दिया था लेकिन उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी आयोग किन बिंदुओं पर काम करेगा उसकी गाइडलाइन क्या होगी और इसमें कौन चेयर पर्सन और सदस्य होंगे यह सब तय नहीं किया गया है. 6 महीने से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी यह प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है और यही देरी पूरी मामले को आगे खिसका रही है.
क्या है सरकार का बयान
सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में कहा था कि सरकार को आयोग से जुड़ी कई अहम सुझाव मिले हैं और जल्द ही इस पर आधिकारिक अधिसूचना भी जारी की जाएगी. लेकिन यह भी साफ किया गया कि आयोग तय समय सीमा के भीतर ही रिपोर्ट देगा. पर यह समय सीमा तभी सामने आएगी जब इसका टर्म्स ऑफ रेफरेंस तय होगा. सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था और इसका असर 1 जनवरी 2016 से कर्मचारियों की सैलरी पर दिखा था. नियम के हिसाब से हर 10 साल बाद नया आयोग बनता है और इस बार भी 2024-25 में आठवें वेतन आयोग का आना तय था. लेकिन अभी की देरी ने हालात बदल दिए हैं. लगातार बढ़ती महंगाई और खर्चों के बीच कर्मचारी और पेंशनर्स परेशान हैं और यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि आखिर वेतन संशोधन कब होगा और महंगाई से राहत कब मिलेगी?