7th Pay Commission
केंद्र सरकार ने अपने कुछ दिव्यांग कर्मचारियों के लिए एक अहम निर्णय लिया है. जिसके तहत अब दिव्यांगता के निश्चित श्रेणियों में आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को सामान्य दर से दो गुना परिवहन भत्ता प्रदान किया जाएगा. वित्त मंत्रालय ने हाल ही में जारी एक कार्यालय ज्ञापन में 15 सितंबर 2022 के पूर्व निर्देशों में संशोधन करते हुए दिव्यांगता की श्रेणियों की नई सूची जारी की है और सभी मंत्रालय व विभागों को इस निर्देश का सख्ती से पालन करने के लिए कहा है. नए आदेश के अनुसार दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत सूचीबद्ध विभिन्न विकलांगताओं में आने वाले कर्मचारी अगर अन्य पात्रता शर्तें पूरी करते हैं तो इस सुविधा के हकदार होंगे.
कौन-कौन होंगे शामिल
इसमें गतिशीलता विकलांगता यानी लोकोमोटर डिसेबिलिटी के अंतर्गत कुष्ठ रोग से ठीक हुए लोग सेरेब्रल पैरालिसिस बौनापन पेशी दुर्बलता एसिड अटैक पीड़ित रीड की हड्डी में चोट या विकृति से ग्रसित व्यक्ति शामिल है. साथ ही ब्लाइंड यानी दृष्टिहीन कम दृष्टि वाले श्रवण बाधित यानी हियरिंग इंपेयर्ड वाणी एवं भाषण में कठिनाई वाले लर्निंग डिसऑर्डर या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार के शिकार मानसिक रोगों से पीड़ित मल्टीपल स्कलेरोसिस पार्किंसन डिजीज जैसी लंबे समय तक चलने वाली न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जूझ रहे कर्मचारी भी पात्र होंगे. रक्त संबंधी विकलांगताओं यानी ब्लड रिलेटेड डिसेबिलिटीज में हीमोफीलिया, थैलेसीमिया और सील सेल रोग से ग्रसित कर्मचारी शामिल होंगे. वहीं मल्टीपल डिसेबिलिटी के अंतर्गत ऐसे लोग आएंगे जो दो या अधिक प्रकार की अक्षमताओं में से एक साथ जूझ रहे हैं. जैसे बधिरता और अंधापन दोनों का होना.ॉ
कार्य प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
यह प्रावधान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दिव्यांग कर्मचारियों को कार्यस्थल तक पहुंचने और दैनिक यात्रा के दौरान कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. जैसे सार्वजनिक परिवहन की अनुपलब्धता, व्हीलचेयर, फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी या अतिरिक्त सहायक साधनों की आवश्यकता. दो गुना परिवहन भत्ता मिलने से ना सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि उन्हें यात्रा के लिए बेहतर साधन चुनने में मदद मिलेगी. जिससे उनके कार्य प्रदर्शन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. यह कदम सरकार की दिव्यांग जन सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है जो उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने और उनके सामाजिक व्यावसायिक जीवन को सहज बनाने की दिशा में एक अहम पहल है.