'उपचुनावों में की गई थी बड़े पैमाने पर वोट चोरी', सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप

'उपचुनावों में की गई थी बड़े पैमाने पर वोट चोरी', सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप

'उपचुनावों में की गई थी बड़े पैमाने पर वोट चोरी', सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप

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IANS
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New Delhi: Monsoon Session of Parliament

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हाल के उपचुनावों में बड़े पैमाने पर वोट चोरी की गई है।

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, समाजवादी पार्टी ने करीब 18,000 हलफनामे जमा किए हैं और हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग उचित कार्रवाई करेगा या सरकार को ऐसा करने का निर्देश देगा। जब मुझे नोटिस मिला, तो मैंने सपा कार्यकर्ताओं से मदद मांगी और हम तय समय सीमा में केवल 18,000 हलफनामे ही तैयार कर पाए। अगर हमारे पास और समय होता, तो हम और भी ज्यादा हलफनामे तैयार कर सकते थे। अगर इन हलफनामों के जमा होने के बाद भी कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई, तो चुनाव आयोग पर कौन भरोसा करेगा?

उन्होंने कहा, उपचुनावों में यह कोई छोटी-मोटी चोरी नहीं थी, यह एक बड़ी डकैती थी। अगर चुनाव आयोग जांच करे और जिला मजिस्ट्रेट को निलंबित करने का आदेश दे, तो वोटों की चोरी बिल्कुल नहीं होगी। चुनाव आयोग ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है, क्योंकि ऐसा लगता है कि वह भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, मैं पूछता हूं कि 2017, 2019, 2022 और 2024 के चुनाव में शिकायत करने पर कितने अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया? विपक्ष लगातार शिकायत करता रहा, लेकिन चुनाव आयोग ने एक भी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं किया। हाल ही में जो उपचुनाव हुआ था, वो ऐतिहासिक है। दुनिया को सीखना चाहिए कि लोकतंत्र कैसे चलता है। मैंने उपचुनाव के लिए सभी को आमंत्रित किया, ताकि पता चल सके कि यूपी में कितना निष्पक्ष चुनाव होता है।

इससे पहले अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चुनाव आयोग को भेजे गए एफिडेविट के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा, जो चुनाव आयोग ये कह रहा है कि हमें यूपी में समाजवादी पार्टी द्वारा दिए गए एफिडेविट नहीं मिले हैं, वो हमारे शपथपत्रों की प्राप्ति के प्रमाण स्वरूप दी गई अपने कार्यालय की पावती को देख ले। इस बार हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग शपथपत्र दे कि ये जो डिजिटल रसीद हमको भेजी गई है वो सही है, नहीं तो ‘चुनाव आयोग’ के साथ-साथ ‘डिजिटल इंडिया’ भी शक के घेरे में आ जाएगा। भाजपा जाए तो सत्यता आए।

--आईएएनएस

एफएम/

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