यूपी में 110 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा एनसीआरटीसी, हरित ऊर्जा से पूरी होगी नमो भारत कॉरिडोर की बिजली खपत

यूपी में 110 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा एनसीआरटीसी, हरित ऊर्जा से पूरी होगी नमो भारत कॉरिडोर की बिजली खपत

यूपी में 110 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा एनसीआरटीसी, हरित ऊर्जा से पूरी होगी नमो भारत कॉरिडोर की बिजली खपत

author-image
IANS
New Update
यूपी में 110 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र लगाएगा एनसीआरटीसी, हरित ऊर्जा से पूरी होगी नमो भारत कॉरिडोर की बिजली खपत

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने उत्तर प्रदेश में 110 मेगावाट (एसी) का ग्रिड कनेक्टेड सौर पीवी (फोटोवोल्टिक) पावर संयंत्र स्थापित करने के लिए ऑनलाइन निविदाएं आमंत्रित की हैं। यह पहल दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर को हरित ऊर्जा से संचालित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Advertisment

इस संयंत्र से उत्पन्न बिजली का उपयोग विशेष रूप से ट्रेनों के परिचालन, स्टेशनों और डिपो की आवश्यकताओं को पूरा करने में होगा। जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के माध्यम से नमो भारत कॉरिडोर की कुल ऊर्जा खपत का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों से पूरा किया जाएगा।

एनसीआरटीसी का लक्ष्य आने वाले समय में कॉरिडोर की 70 प्रतिशत बिजली की आवश्यकता सौर ऊर्जा से पूरा करना है। इसके लिए पहले से ही स्टेशनों और डिपो की छतों पर 15 मेगावाट की क्षमता के रूफटॉप सौर प्लांट लगाए जा रहे हैं। परियोजना कैप्टिव मोड में स्थापित होगी, यानी इससे उत्पन्न ऊर्जा सिर्फ एनसीआरटीसी के उपयोग में आएगी। 82 किलोमीटर लंबे नमो भारत कॉरिडोर के संचालन में बिजली खर्च का अनुमानित हिस्सा 30 से 35 प्रतिशत तक होता है।

नए संयंत्र से यह खर्च काफी हद तक कम होने की संभावना है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से यह परियोजना बेहद अहम मानी जा रही है। अनुमान है कि इससे हर साल करीब 1,77,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। यह न सिर्फ जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में योगदान देगा, बल्कि शहरी इलाकों में वायु प्रदूषण को भी कम करेगा।

एनसीआरटीसी ने इस परियोजना को लागू करने के लिए योग्य और अनुभवी सौर ऊर्जा डेवलपर से निविदाएं आमंत्रित की हैं। संयंत्र उत्तर प्रदेश के किसी भी हिस्से में स्थापित किया जा सकता है और इसे राज्य ग्रिड से जोड़ा जाएगा। इसके बाद ग्रिड के माध्यम से कॉरिडोर पर बने रिसीविंग सब-स्टेशनों तक बिजली पहुंचाई जाएगी।

--आईएएनएस

पीकेटी/डीकेपी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment