लखनऊ, 8 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि विकास और रोजगार सृजन की दिशा में बड़े पैमाने पर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने बीते चार वर्ष में 50 हजार से अधिक लघु और सीमांत किसानों को एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का दीर्घकालीन ऋण वितरित किया है। यह ऋण न केवल किसानों की कृषि गतिविधियों को गति देने में सहायक सिद्ध हो रहा है, बल्कि रोजगार सृजन और पूंजी निर्माण का भी मजबूत आधार बन रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने हरित क्रांति के नए अध्याय की शुरुआत की है। किसानों को दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराकर खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। यह ऋण किसानों के लिए खेती के साथ-साथ कृषि आधारित स्वरोजगार की योजनाओं में भी मददगार साबित हो रहा है।
योगी सरकार की नीतियों के चलते अब किसानों को साहूकारों और सूदखोरों के शोषण से मुक्ति मिल रही है। राज्य सरकार की ऋण योजनाएं पारदर्शी और लाभकारी हैं, जिससे किसानों का भरोसा संस्थागत वित्तीय व्यवस्थाओं पर बढ़ा है।
योगी सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत किसानों की आमदनी बढ़ाने का अभियान छेड़ रखा है। जहां व्यावसायिक बैंकों की पहुंच नहीं थी, वहां उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक ने किसानों का साथ निभाया। यह बैंक ग्रामीण अंचलों में दीर्घकालीन ऋण पहुंचाकर कृषि विकास को नई दिशा दे रहा है। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां बैंकिंग सेवाएं सीमित थीं, वहां यह बैंक किसानों की आर्थिक रीढ़ बना है।
योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही रोजगारपरक और आय अर्जक योजनाओं से गांवों में स्वरोजगार के अवसर बढ़े हैं। इन योजनाओं में दीर्घकालीन ऋण से युवाओं को डेयरी, पशुपालन, बागवानी जैसी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है, जिससे गांवों में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं।
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