उज्ज्वल निकम को राज्यसभा में नामित किया जाना महाराष्ट्र के लिए गौरव की बात: गुलाबराव पाटिल

उज्ज्वल निकम को राज्यसभा में नामित किया जाना महाराष्ट्र के लिए गौरव की बात: गुलाबराव पाटिल

उज्ज्वल निकम को राज्यसभा में नामित किया जाना महाराष्ट्र के लिए गौरव की बात: गुलाबराव पाटिल

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IANS
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उज्ज्वल निकम को राज्यसभा में नामित किया जाना महाराष्ट्र के लिए गौरव की बात: गुलाबराव पाटिल

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 13 जुलाई (आईएएनएस)। प्रख्यात कानूनी विशेषज्ञ उज्ज्वल निकम को राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित किया गया है। वहीं, छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किले को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। इस पर महाराष्ट्र के नेताओं ने खुशी जाहिर की है।

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और जलगांव जिले के संरक्षक मंत्री गुलाबराव पाटिल ने उज्ज्वल निकम को राज्यसभा सदस्य चुने जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा, यह जलगांव जिले के लिए ऐतिहासिक क्षण है। आजादी के बाद पहली बार हमारे जिले से किसी व्यक्ति को राज्यसभा सांसद के रूप में नियुक्त किया गया है। उज्ज्वल निकम एक प्रख्यात कानूनी विशेषज्ञ हैं, और उनकी यह उपलब्धि न केवल उनकी पार्टी, बल्कि पूरे जलगांव जिले के लिए सम्मान की बात है। राज्यसभा में उनको नामित किया जाना महाराष्ट्र के लिए गौरव का क्षण है और वे राज्य के हित में अपना योगदान देते रहेंगे।

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने राज्यसभा के लिए नामित सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मैं सभी नामित सदस्यों को शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे राष्ट्र और जनता की सेवा में समर्पित रहेंगे।

वहीं, दूसरी ओर छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किले को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की मान्यता मिलने पर पूरे महाराष्ट्र में खुशी की लहर है। गुलाबराव पाटिल ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, यह मान्यता बहुत पहले मिल जानी चाहिए थी, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। यह न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह किला शिवाजी महाराज के पराक्रम और भारतीय इतिहास की धरोहर का प्रतीक है।

भाजपा के राज्यसभा सांसद अजीत गोपछड़े ने भी इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज के किलों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया जाना महाराष्ट्र और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। ये किले शिवाजी महाराज के साहस, रणनीति और शौर्य के साक्षी हैं। इस मान्यता से इन किलों का वैश्विक महत्व और बढ़ेगा। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

--आईएएनएस

एकेएस/एबीएम

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