ट्रंप का 'सेमी-एनुअल फिजिकल' टेस्ट चर्चा में, बढ़ती उम्र के साथ जरूरी क्यों?

ट्रंप का 'सेमी-एनुअल फिजिकल' टेस्ट चर्चा में, बढ़ती उम्र के साथ जरूरी क्यों?

ट्रंप का 'सेमी-एनुअल फिजिकल' टेस्ट चर्चा में, बढ़ती उम्र के साथ जरूरी क्यों?

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IANS
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Key witness changes testimony in Trump classified docs case after switching lawyer, claim spl counsel

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, राजनीति के साथ-साथ अपनी सेहत को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में उनका “सेमी-एनुअल फिजिकल” यानी साल में दो बार होने वाला मेडिकल चेकअप फिर चर्चा का विषय बना। डॉक्टर ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप का दिल उनकी उम्र से 14 साल अधिक जवां हैं।

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सवाल यह है कि क्या यह कोई खास टेस्ट है या एक साधारण रुटीन जांच? असलियत यह है कि “सेमी-एनुअल फिजिकल” कोई एक टेस्ट नहीं, बल्कि पूरा स्वास्थ्य मूल्यांकन होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कोई शख्स मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम है या नहीं।

अमेरिकी राष्ट्रपति या शीर्ष पद पर बैठे नेताओं की मेडिकल पारदर्शिता एक परंपरा है। जनता को भरोसा दिलाने के लिए व्हाइट हाउस डॉक्टर उनके वजन, दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल, यहां तक कि याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता तक की जांच करते हैं। ट्रंप, जो अब 79 के हैं, ऐसी रिपोर्ट्स जारी कर यह संदेश देना चाहते हैं – “मैं पूरी तरह फिट हूं।”

सेमी-एनुअल फिजिकल को लेकर इंटरनेट पर कई तरह की अटकलें लगाई जाती हैं – कुछ लोग इसे गुप्त न्यूरोलॉजिकल टेस्ट मानते हैं, तो कुछ इसे बीमारी छिपाने का तरीका समझते हैं। हकीकत में, यह चेकअप उतना ही सामान्य है जितना कार की सर्विसिंग या इंसान का वार्षिक हेल्थ चेकअप, बस फर्क इतना है कि यह साल में दो बार होता है। तो आखिर इसमें होता क्या है?

इसमें ब्लड टेस्ट (कोलेस्ट्रोल, शुगर और थायरॉएड), कार्डिएक टेस्ट, बीएमआई और मेंटल/कॉग्नेटिव टेस्ट होता है। खासकर मेंटल टेस्ट बुजुर्गों के लिए अहम माना जाता है क्योंकि ये उनकी याददाश्त, सजगता और निर्णय क्षमता का परीक्षण करता है। 2002 में एक स्टडी प्रकाशित हुई। ताइवान के काऊशुंग स्थित कुछ लोगों पर इसे किया गया था। सबकी उम्र 65 से ऊपर थी। शीर्षक था क्या बुज़ुर्गों को वार्षिक शारीरिक जांच से फायदा होता है?

काऊशुंग के सभी 11 जिलों में एक रैंडम सैंपलिंग की गई। 1993 में कुल 1,193 बुजुर्गों का चयन किया गया और उनका साक्षात्कार लिया गया; 1998 तक हुई मौतों और स्वास्थ्य जांचों के परिणामों को दर्ज किया गया। बाद में नतीजों ने जाहिर कर दिया कि जिन वृद्धों ने वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया, उनकी मृत्यु दर उन लोगों की तुलना में कम थी, जिन्होंने ऐसा नहीं कराया। तो इसलिए बढ़ती उम्र में फिट रहने के लिए छमाही चेकअप कराने की सलाह एक्सपर्ट्स देते हैं।

जिस तरह से बढ़ती उम्र के साथ डिमेंशिया या दिमागी दिक्कतें पेश आ रही हैं उनमें कॉग्नेटिव टेस्ट जरूरी हो जाता है।

ट्रंप की बात करें तो वो अपने कोग्नेटिव टेस्ट का जिक्र मजाक में कर चुके हैं। उन्होंने एक बार कहा था, “मैंने हाथी, ऊंट और आदमी की तस्वीरें पहचान लीं, इसका मतलब मैं फिट हूं!” यह बयान जितना हास्यास्पद लगा, उतना ही चर्चा में रहा था।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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